Shahjahanpur News: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक प्रेरणादायक और अनूठी घटना सामने आई है। सरिता सिंह, जो काकोरी ट्रेन एक्शन के बलिदानी ठाकुर रोशन सिंह की परपोती हैं और जन्म से दोनों पैरों से दिव्यांग थीं, ने अपने जीवन में एक साहसी निर्णय लिया। उन्होंने जेंडर परिवर्तन कर सरिता से शरद सिंह बनने का सफर तय किया और अब उनके घर में किलकारी गूंजी है। उनकी पत्नी सविता सिंह ने हाल ही में एक पुत्र को जन्म दिया, जिससे पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।
सरिता सिंह का जन्म एक लड़की के रूप में हुआ था, लेकिन उनका व्यवहार हमेशा लड़कों जैसा था। शारीरिक सीमाओं के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और शिक्षक बनने का सपना साकार किया। उन्होंने बीएड की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2020 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण की और उन्हें सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति मिली।
जेंडर परिवर्तन का सफर
नौकरी लगने के बाद सरिता ने लखनऊ में हार्मोन थेरेपी करवाई, जिससे उनकी आवाज भारी हो गई और चेहरे पर दाढ़ी आने लगी। 2023 में, उन्होंने मध्य प्रदेश के इंदौर में सर्जरी करवाई और आधिकारिक रूप से अपना जेंडर परिवर्तन करवाया। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, तत्कालीन जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने 27 जून 2023 को उन्हें जेंडर परिवर्तन प्रमाण पत्र जारी किया, जिसमें उनका नाम अब शरद सिंह हो गया।
जेंडर परिवर्तन के बाद, शरद ने पीलीभीत जिले की अपनी महिला मित्र सविता सिंह से विवाह करने का फैसला किया। 23 नवंबर 2023 को उन्होंने सविता के साथ विवाह रचा लिया। शादी के बाद दोनों खुशहाल जीवन व्यतीत करने लगे।
परिवार में खुशी की लहर
बीते बुधवार को शरद की पत्नी सविता को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऑपरेशन के जरिए उन्होंने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। इस खबर से पूरा परिवार उत्साह से भर उठा।
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पिता बनने के बाद शरद ने कहा, “मेरी पत्नी ने 15 साल पहले जो सपना देखा था, वह आज साकार हो गया है। जिस संघर्ष और परिस्थितियों से गुजरकर मैंने यह खुशी पाई है, वह मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है।”

Author: Shivam Verma
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