Deep Prajwalan Mantra: सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पूर्व दीप प्रज्वलित किया जाता है। इसके साथ ही नित्य पूजा पाठ में भी दीपक प्रज्वलन का विशेष महत्व है। इसके साथ ही सनातन धर्म में अग्नि की पूजा देवता के रूप में की जाती है। इसलिए किसी भी उत्सव, पूजा या शुभ कार्य के प्रारम्भ में दीप प्रज्वलन मंत्र के साथ दीपक जलाकर ही उसकी शुरुआत की जाती है।
दीप प्रज्वलन मंत्र
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा ।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योति नमोऽस्तुते ॥
शुभ, आरोग्य और समृद्धि के प्रवर्तक, दीप ज्योति को मेरा नमस्कार, जो शत्रुता पूर्ण भावनाओं का समूल रूप से नाश कर देता है ऐसे दीपक के अद्वितीय प्रकाश को मेरा प्रणाम है।
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन: ।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तुते ॥
(दीपक के अद्भुत प्रकाश को नमन) दीप का प्रकाश परम-ब्रह्म का द्योतक या प्रतिनिधि है, दीपक का प्रकाश संसार के पालनहार भगवान विष्णु का प्रतिनिधित्व करता है। दीपक का प्रकाश मेरे सारे पाप हर ले; दीपज्योति को प्रणाम।
इस दीप प्रज्वलन मंत्र को आपको कंठस्थ कर लेना चाहिए, जिससे कभी भी दीप प्रज्वलित करते समय मंत्रोच्चार के साथ ही दिया जलाएं।