Ayodhya News: परम पूज्य महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज एवं पूज्य महंत कमल नयन शास्त्री जी महाराज की सदप्रेरणा से समाज सेवी संस्था कल्याणम करोति के प्रेरणापुंज, उत्तर प्रदेश के लौह पुरुष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय चंद्रभानु गुप्ता जी की 45वीं पुण्यतिथि के अवसर पर विशेष नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन कल्याणम करोति एवं श्री मणि राम दास छावनी सेवा ट्रस्ट के सहयोग से लखनऊ कल्याणम करोति के महामंत्री राष्ट्रीय गौरव शर्मा जी के नेतृत्व में श्री दीन बंधु नेत्र चिकित्सालय, अयोध्या में किया गया।
शिविर का शुभारंभ वरिष्ठ चिकित्सकों एवं गणमान्य व्यक्तियों द्वारा गुप्ता जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वाई. पी. तिवारी, प्रबंधक डी. एन. मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पारिजात शुक्ला, डॉ. श्याम बांदील, डॉ. आकाश सिंह, उदयभान पाठक एवं यू. डी. मिश्रा उपस्थित रहे।
इस विशेष नेत्र चिकित्सा शिविर में कुल 274 नेत्र रोगियों का परीक्षण किया गया, जिसमें से 101 रोगियों का निःशुल्क ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। साथ ही, ग्रामीण अंचल के सामान्य रोगियों के लिए भी स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 48 ग्रामीणों का परीक्षण किया गया। इस शिविर में शुगर, ब्लड प्रेशर, बुखार, खांसी, जुकाम आदि की दवाइयाँ भी निःशुल्क वितरित की गईं।
चंद्रभानु गुप्ता जी के सेवा कार्यों को समर्पित कल्याणम करोति
महामंत्री राष्ट्रीय गौरव शर्मा जी ने बताया कि श्रद्धेय गुप्ता जी का निधन 11 मार्च 1981 को हुआ था। उनके निधन के पश्चात उनके रचनात्मक कार्यों को गति देने के उद्देश्य से कल्याणम करोति संस्था की स्थापना 1891 में की गई थी। तब से लेकर आज तक यह संस्था दिव्यांगजनों, वृद्धजनों की सेवा एवं अंधता निवारण के लिए कार्यरत है। गुप्ता जी के जीवनकाल में, वर्ष 1978 में ही, दिव्यांगजनों और अंधता निवारण हेतु प्रयास प्रारंभ हो गए थे, जिन्हें उनके निधन के बाद कल्याणम करोति द्वारा मूर्त रूप प्रदान किया गया।
श्रद्धेय गुप्ता जी के योगदान को सम्मान देते हुए हर वर्ष उनकी पुण्यतिथि एवं जन्मदिवस पर सेवा शिविरों का आयोजन किया जाता है। उनका जीवन “मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा” के सिद्धांत पर आधारित था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और काकोरी कांड के वीरों की अदालत में पैरवी की। चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को सुशोभित करने वाले गुप्ता जी ने समाज को अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया। उनकी वसीयत भी उनकी सेवा भावना का प्रतीक रही, जिसमें उन्होंने अपनी सम्पत्ति अपनी संस्था के नाम कर दी।
इस अवसर पर वृद्धजनों को वॉकिंग स्टिक भी प्रदान की गई, जिससे उनके जीवन में कुछ सहूलियत मिल सके। लोकशिल्पी एवं युग मनीषी श्रद्धेय चंद्रभानु गुप्ता जी को शत-शत नमन।
रिपोर्ट: रंजीत सिंह राणा

Author: Shivam Verma
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