Gorakhpur News: सोमवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर में एक बार फिर वही दृश्य देखने को मिला, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आम लोगों की समस्याओं को सुनने खुद उनके बीच पहुंचे। गोरखपुर दौरे के दौरान सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने करीब 150 फरियादियों से मुलाकात कर उनकी बातें गंभीरता से सुनीं।
जनता दर्शन के दौरान खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री ने खुद कुर्सियों पर बैठे लोगों तक पहुंचकर एक-एक से बातचीत की। उन्होंने लोगों को न केवल आश्वासन दिया बल्कि मौके पर मौजूद अधिकारियों को यह सख्त निर्देश भी दिए कि हर शिकायत का समाधान समयबद्ध, गुणवत्ता युक्त और पीड़ित को संतुष्ट करने वाला होना चाहिए। सीएम ने कहा, “किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार हर जरूरतमंद के साथ खड़ी है।”
भूमि विवाद पर सख्त रुख
जनता दर्शन में कई लोगों ने भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायतें कीं। इस पर मुख्यमंत्री ने बेहद गंभीर रुख अपनाते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे मामलों में बिना किसी ढील के सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी मामले में पीड़ित को लंबे समय से परेशान होना पड़ा है, तो उसकी गहराई से जांच कर जिम्मेदारी तय की जाए।
आवास और इलाज में नहीं होगी कोई बाधा
मुख्यमंत्री से मिलने आई कुछ महिलाओं ने पक्के घर की मांग रखी। इस पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जो भी पात्र लोग अब तक वंचित रह गए हैं, उन्हें शीघ्र लाभान्वित किया जाए। साथ ही इलाज में आर्थिक सहायता की मांग करने वालों को आश्वस्त करते हुए सीएम योगी ने कहा कि किसी भी जरूरतमंद के इलाज में धन की कमी बाधा नहीं बनेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अस्पतालों से प्राप्त इस्टीमेट जल्द तैयार कर शासन को भेजें ताकि विवेकाधीन कोष से धनराशि जारी की जा सके।
जनता के बीच मुख्यमंत्री की सरलता
जनता दर्शन की खास बात मुख्यमंत्री योगी की सहजता और संवेदनशीलता रही। उन्होंने पूरी तन्मयता से लोगों की बातें सुनीं, उन्हें भरोसा दिलाया और प्रशासनिक मशीनरी को सक्रियता से कार्य करने के निर्देश दिए। यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार का फोकस अब ‘प्रभावशाली शासन’ से अधिक ‘जन-संवेदनशील शासन’ की ओर है।

Author: Shivam Verma
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