Doctor Death: दिल्ली हाईकोर्ट से पैरोल पर रिहा होकर 100 से ज्यादा हत्याओं के आरोप में सजा काट रहा डॉ. देवेंद्र शर्मा उर्फ ‘डॉक्टर डेथ’ अब राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई क्षेत्र में दयादास बनकर आम लोगों का इलाज कर रहा था। अपराधों की लंबी फेहरिस्त रखने वाला यह कुख्यात अपराधी दो बार कानून को चकमा देकर फरार हो गया, लेकिन इस बार सर्विलांस की मदद से पुलिस ने उसे दो साल की मशक्कत के बाद फिर से गिरफ्तार कर लिया।
डॉक्टर से दरिंदा, फिर बना साधु
बिहार के सीवान जिले का रहने वाला देवेंद्र शर्मा बीएएमएस की पढ़ाई करने के बाद एक वैध डॉक्टर के रूप में सामने आया था। लेकिन जल्द ही वह अपराध की दुनिया में उतर गया और एक के बाद एक हत्याओं को अंजाम देने लगा। कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान यह सामने आया कि वह 100 से ज्यादा लोगों की हत्या कर चुका है। इस भयानक आपराधिक इतिहास के चलते ही उसे ‘डॉक्टर डेथ’ की उपाधि मिली।
जनवरी 2020 में उसे पहली बार 20 दिन की पैरोल दी गई थी, जिसे वह जंप कर गया। इसके बाद वह पुलिस की पकड़ में आया। मगर जून 2023 में उसने फिर से दिल्ली हाईकोर्ट में पैतृक संपत्ति के बंटवारे और बिक्री के नाम पर दो माह की पैरोल की अर्जी दी। कोर्ट ने जुलाई और अगस्त के लिए पैरोल मंजूर कर दी, लेकिन वह इस बार भी पैरोल तोड़कर फरार हो गया।
बांदीकुई में साधु के भेष में नया जीवन
पैरोल से फरार होने के बाद देवेंद्र शर्मा ने बांदीकुई को अपना नया ठिकाना बनाया। यहां उसने साधु का वेश धारण किया और खुद को ‘दयादास महाराज’ कहने लगा। मंदिर में पूजा-पाठ और प्रवचन करने के साथ-साथ वह लोगों का इलाज भी करने लगा। दावा करता था कि हर बीमारी का इलाज उसके पास है। मरीजों से वह 2 से 3 हजार रुपये तक वसूलता था। यहां तक कि वृद्धाश्रम शुरू करने के लिए एक भवन किराए पर भी ले लिया था।
स्थानीय लोगों की मानें तो दयादास महाराज सुबह चार बजे उठकर पूजा करता था, फिर प्रवचन और उसके बाद इलाज। उसके व्यक्तित्व में संतों जैसी शांति और शब्दों में भरोसा दिखता था, जिससे किसी को अंदाजा नहीं हो पाया कि वह दरअसल एक खूंखार अपराधी है।
पुलिस को ऐसे मिला सुराग
पैरोल तोड़ने के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जब छानबीन शुरू की तो पुराने मोबाइल नंबर, संपर्क सूत्र और वकीलों से जुड़े डेटा की जांच की गई। इसी बीच एक नंबर पर दोबारा रिचार्ज कराया गया, जो डॉक्टर डेथ या उसकी पत्नी से जुड़ा पाया गया। इस नंबर की लोकेशन ट्रेस करने पर पुलिस को सुराग मिलते चले गए और आखिरकार दो साल की खोजबीन के बाद पुलिस उसे दबोचने में सफल रही।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर डेथ और उसकी पत्नी के बीच तलाक हो चुका है, लेकिन उनके बीच कुछ हद तक संपर्क बना हुआ था। पुलिस को इस बात के भी संकेत मिले कि वह अपनी पत्नी से छिपकर संपर्क में था। उसका बड़ा बेटा स्विटजरलैंड में है, जबकि छोटा बेटा मुंबई में अपनी मां के साथ रहता है और एक कंपनी में नौकरी करता है।
क्या अब फिर से पैरोल संभव?
देवेंद्र शर्मा की दो बार की पैरोल जंप और फिर फरारी को देखते हुए कानूनी जानकारों का मानना है कि अब उसे भविष्य में दोबारा पैरोल मिलना लगभग असंभव है। कानून की नजरों में यह गंभीर अपराध है और इसे अदालतें भी बेहद सख्ती से लेती हैं।
एसपी देहात अमृत जैन ने जानकारी दी कि, “हम दिल्ली व अन्य राज्यों की पुलिस को सहयोग कर रहे हैं। जो भी सूचनाएं मांगी जा रही हैं, उन्हें समय पर उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक यही साफ हुआ है कि आरोपी दो साल से बांदीकुई में पहचान बदलकर रह रहा था।”

Author: Shivam Verma
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