Jalaun News: रविवार की शाम इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे एक पत्रकार को डॉक्टर और उनके सहयोगियों ने इस कदर बेरहमी से पीटा कि उसकी हालत नाजुक हो गई। पूरे शरीर पर गहरी चोटें हैं, चेहरे पर गंभीर जख्म और पसली टूटने की संभावना जताई जा रही है।
इलाज की जगह मिली हैवानियत
रविवार शाम लगभग 5 बजे दैनिक जागरण (कानपुर) के क्षेत्रीय संवाददाता कुलदीप जाटव अपने पिता के साथ कोंच से रामपुरा लौट रहे थे, तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद वह पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र माधौगढ़ पहुंचे। वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर हरिशरण प्रजापत मोबाइल पर व्यस्त थे और इलाज में कोई रुचि नहीं दिखा रहे थे।
पत्रकार ने अपनी समस्या बताई, लेकिन डॉक्टर ने उसे अनसुना कर खाली बेड पर लेटने को कह दिया। इसके बाद एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बिना किसी जांच या पर्चे के इंजेक्शन लगाने लगा, जिसका विरोध कुलदीप ने किया। उन्होंने डॉक्टर से जांच करने और प्रशिक्षित फार्मासिस्ट से इंजेक्शन लगवाने की अपील की।
डॉक्टर ने कहा ‘जहर का इंजेक्शन लगाओ’
इस पर डॉक्टर हरिशरण आगबबूला हो गए और पत्रकार को गालियां देने लगे। यहां तक कि वार्ड बॉय को ‘जहर का इंजेक्शन’ देने की बात कही। जब कुलदीप ने इस दुर्व्यवहार का विरोध किया, तो डॉक्टर समेत वार्ड बॉय विक्रम, सुरक्षा गार्ड अनुज और दो अन्य लोगों ने मिलकर उन्हें जमकर पीटा।
हड्डी पसली टूटी, जान से मारने की धमकी
कुलदीप को जमीन पर पटककर डंडों, बेल्ट, लात-घूंसे से पीटा गया। जातिसूचक गालियां दी गईं और जान से मारने की धमकी भी दी गई। ये सब वहीं हुआ, जहां लोग उम्मीद लेकर इलाज के लिए आते हैं।
इस मारपीट से पत्रकार का चेहरा खून से लथपथ हो गया, शरीर पर गंभीर चोटें आईं और पसली की हड्डियां टूटने की आशंका है। ये घटना पत्रकार के पिता राजकुमार जाटव के सामने हुई, जो अपने बेटे के लिए रहम की भीख मांगते रहे।
गंभीर हालत में झांसी रेफर
घटना के बाद घायल पत्रकार को पहले कोतवाली माधौगढ़ लाया गया, फिर वहीं से अस्पताल भेजा गया। हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल उरई और फिर मेडिकल कॉलेज उरई होते हुए झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
डॉक्टर और सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज
पत्रकार की तहरीर पर कोतवाली माधौगढ़ में डॉक्टर हरिशरण प्रजापत समेत अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 191(2), 115(2), 352, 351(3) व SC/ST एक्ट की धारा 3(2)(Va) के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
घटना की जानकारी मिलते ही उपजिलाधिकारी मनोज कुमार सिंह और क्षेत्राधिकारी रामसिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार और पत्रकारों को निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
घटना के बाद जनपद के सभी पत्रकारों में भारी आक्रोश है। माधौगढ़, जिला अस्पताल उरई और मेडिकल कॉलेज में सैकड़ों पत्रकारों ने इकट्ठा होकर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

Author: Shivam Verma
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