Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राजनीतिक बयानबाज़ी अब सड़कों और चौराहों तक पहुँच गई है। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच छिड़े DNA विवाद ने अब पोस्टरों की शक्ल में नया मोड़ ले लिया है। बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर शुरू हुआ यह विवाद अब लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर लगे पोस्टरों के ज़रिए सार्वजनिक बहस का रूप ले चुका है।
ताज़ा मामला लखनऊ के हजरतगंज चौराहे से सामने आया है, जहां भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री मोहम्मद जीशान खान की ओर से लगाए गए पोस्टर ने राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है। पोस्टर में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निजी और पारिवारिक हमले करते हुए लिखा गया है – “जो लोग ब्रजेश पाठक का डीएनए पूछ रहे हैं, उन्होंने अपने पिता को पार्टी से निकाल दिया। अपने पिता को घर से बेदखल कर दिया… उनके डीएनए में जरूर खोट है।”
‘पिता को घर से निकालने वाले के DNA में खोट’
पोस्टर में आगे विवादित टिप्पणी करते हुए लिखा गया है – “शायद उनका DNA सोनागाछी या जीबी रोड का है, इसीलिए उन्होंने अपने पिता से पिता जैसा व्यवहार नहीं किया।” यह कथन सीधे तौर पर अखिलेश यादव और उनके पिता, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बीच अतीत में हुए मतभेदों की ओर इशारा करता है, जिसे एक समय पर देशभर की राजनीति में बड़ी घटना माना गया था।
‘हिम्मत है तो DNA करवा लें, सच आएगा सामने’
पोस्टर में आगे भाजपा नेता की ओर से चुनौती देते हुए कहा गया है – “ये वही लोग हैं जिन्होंने अपने पिता और चाचा दोनों को घर से बेघर किया। अब हिम्मत है तो डीएनए टेस्ट करवा लें, सच सामने आ जाएगा।”
यह पूरा विवाद उस समय तूल पकड़ा जब समाजवादी पार्टी की मीडिया सेल की ओर से X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्टर शेयर किया गया, जिसमें उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के डीएनए पर सवाल उठाया गया था। इस पर भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई और पोस्टरों के माध्यम से पलटवार किया गया।
इससे पहले उत्तर प्रदेश नागरिक सुरक्षा परिषद की ओर से भी राजधानी के विभिन्न हिस्सों में पोस्टर लगाए गए थे, जिनमें समाजवादी पार्टी पर ‘वर्ग विशेष के तुष्टीकरण’ और ‘गुंडागर्दी’ जैसे आरोप लगाए गए थे। उन पोस्टरों में ब्रजेश पाठक के समर्थन में लिखा गया था – “आपने प्रदेश का कर दिया उपकार, ब्रजेश पाठक जी बहुत-बहुत आभार।”

Author: Shivam Verma
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