Banda News: एक तीन साल की मासूम बच्ची के साथ पड़ोसी ने जो किया, वह इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला है। मंगलवार शाम को घर के बाहर खेल रही बच्ची को बिस्किट का लालच देकर अकेले में ले जाकर उसने बर्बरता की हदें पार कर दीं। बेहोश पड़ी मासूम को उसने मरा समझकर थर्माकोल के बॉक्स में बंद कर जंगल में फेंक दिया। करीब 10 घंटे बाद जब बच्ची मिली, तो वह मौत और जिंदगी के बीच जूझ रही थी।
क्या है पूरी घटना
घटना चिल्ला थाना क्षेत्र के एक गांव की है। मंगलवार शाम करीब 4 बजे तीन साल की बच्ची घर के दरवाजे पर खेल रही थी। उसकी मां प्रसव के बाद अस्पताल में थीं, जबकि पिता मजदूरी करने गए हुए थे। इसी बीच पड़ोसी सुनील निषाद ने बच्ची को बिस्किट का लालच देकर अपने घर ले गया और उसके साथ बर्बरता की। बच्ची बुरी तरह घायल होकर बेहोश हो गई।
बच्ची को मरा समझकर जंगल में फेंका
जब बच्ची की चीख-पुकार सुनाई नहीं दी, तो आरोपी ने उसे मरा हुआ मान लिया। शव को छिपाने के लिए उसने थर्माकोल का एक बॉक्स लिया, उसमें बच्ची को डाला और साइकिल से करीब 9 किलोमीटर दूर जंगल में फेंक आया। इस दौरान बच्ची के परिवार वाले उसे ढूंढ़ रहे थे और पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई थी।
करीब 10 घंटे बाद जब बच्ची मिली, तो वह मरणासन्न हालत में थी। उसे पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, फिर रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर उसे कानपुर के एलएलआर अस्पताल रेफर किया गया, जहां वह अभी भी जिंदगी और मौत से लड़ रही है।
मेडिकल जांच में पुष्टि, गिरफ्तार आरोपी
मेडिकल जांच में बच्ची के प्राइवेट पार्ट में चोट की पुष्टि हुई है। महिला जिला अस्पताल की डॉ. रीमा आर्या और डॉ. मीनाक्षी सिंह ने जांच की। इस बीच, आरोपी सुनील निषाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लोगों में गुस्सा है और वे आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारी जे. रीभा और पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर बच्ची का हाल जाना और इलाज के लिए जरूरी निर्देश दिए। इससे पहले, एपीएस शिवराज और अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे थे।

Author: Shivam Verma
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