G7 Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 14 जून को जी7 समिट 2025 में हिस्सा लेने के लिए कनाडा के लिए रवाना होंगे। यह समिट कनाडा के कनानास्किस शहर में आयोजित हो रहा है, जिसमें दुनिया के सात सबसे प्रमुख लोकतांत्रिक और आर्थिक रूप से सशक्त देशों के नेता शामिल होंगे। पीएम मोदी इस समिट में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह दौरा कनाडा के हाल ही में निर्वाचित प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के न्योते पर हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री कार्नी को उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी और सम्मेलन में आमंत्रण के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि भारत और कनाडा दोनों मजबूत लोकतांत्रिक देश हैं और नई ऊर्जा के साथ मिलकर आगे बढ़ने को तैयार हैं। समिट के दौरान दोनों नेताओं की अलग से मुलाकात भी प्रस्तावित है।
कनाडा में खालिस्तानी नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से ठीक पहले कनाडा सरकार ने खालिस्तानी नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई को ‘प्रोजेक्ट पेलिकन’ नाम दिया गया है, जो एक व्यापक ऑपरेशन के तहत शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल खालिस्तान समर्थकों की पहचान कर उन्हें कानून के दायरे में लाना है।
कनाडा की पुलिस ने इस अभियान के तहत अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स जब्ती की है। 479 किलोग्राम कोकीन बरामद की गई है, जिसकी अनुमानित अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 47.9 मिलियन डॉलर बताई जा रही है। इस मामले में कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 7 भारतीय मूल के हैं।
गिरफ्तार हुए आरोपियों की पहचान
इस मामले में गिरफ्तार किए गए 9 लोगों के नाम इस प्रकार हैं:
- साजगिथ योगेन्द्रराजा (31)
- मनप्रीत सिंह (44)
- फिलिप टेप (39)
- अरविंदर पोवार (29)
- करमजीत सिंह (36)
- गुरतेज सिंह (36)
- सरताज सिंह (27)
- शिव ओंकार सिंह (31)
- हाओ टॉमी हुइन्ह (27)
पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरोह अमेरिका और कनाडा के बीच चलने वाले वाणिज्यिक ट्रकों के माध्यम से ड्रग्स की तस्करी करता था। इसमें मैक्सिकन ड्रग कार्टेल और अमेरिकी बाजारों में नशीली दवाओं की आपूर्ति करने वाले नेटवर्क का भी हाथ बताया जा रहा है।
भारत विरोधी गतिविधियों में ड्रग्स माफिया की भूमिका
जांच एजेंसियों को शक है कि इस ड्रग्स से अर्जित धन का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा था। इसमें विरोध प्रदर्शन, जनमत संग्रह और हथियारों की खरीद जैसे कार्य शामिल हैं। सुरक्षा एजेंसियों का यह भी मानना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इस नेटवर्क को समर्थन दे रही है। ISI पर यह आरोप है कि वह कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी गुटों को मैक्सिकन कोकीन और अफगान हेरोइन की तस्करी में इस्तेमाल कर रही है।
पीएम मोदी और खालिस्तान मुद्दा
जी7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से द्विपक्षीय वार्ता भी प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में भारत, कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों को लेकर चिंता जताएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेगा।
गौरतलब है कि जब कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार थी, तब भारत और कनाडा के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे। ट्रूडो ने खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर आरोप लगाए थे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्तों में खटास आ गई थी। अब ट्रूडो के हटने और कार्नी के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की उम्मीद की जा रही है।

Author: Shivam Verma
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