Meerut News: थाना भावनपुर क्षेत्र में आज तड़के हुई पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ में कुख्यात गौ-तस्कर यामीन उर्फ टूचा घायल हो गया। पुलिस और स्वाट टीम ग्रामीण की संयुक्त कार्रवाई में उसे घेराबंदी के दौरान पकड़ा गया। यह कार्रवाई उस सूचना के आधार पर की गई, जिसमें कुछ संदिग्ध गौ-तस्करों के किनानगर बाईपास से ग्राम लडपुरा की ओर बढ़ने की जानकारी दी गई थी।
ईख के खेत में मिला भयावह मंजर
14 जून की सुबह गांव पचगांव पट्टी सांवल के रहने वाले किसान रमेश जब अपने खेत में पहुँचे, तो वहां गायों के कटे हुए अंग देखकर उनके होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। मामला बेहद गंभीर होने के कारण इसे उच्च प्राथमिकता में लेते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की।
मुठभेड़ में घायल हुआ यामीन उर्फ टूचा
सूचना मिलते ही पुलिस और स्वाट टीम ने घेराबंदी कर संदिग्धों को रोकने की कोशिश की, लेकिन बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में यामीन उर्फ टूचा के पैर में गोली लगी और वह घायल हो गया, जबकि उसके 3-4 साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। मौके से पुलिस ने यामीन को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में किया चौंकाने वाला खुलासा
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में यामीन ने गौकशी के तरीके को लेकर जो खुलासे किए, वह चौंकाने वाले थे। उसने बताया, “साहब, हम गायों को पहले इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर देते हैं। फिर वहीं खेत में उनका मांस काटते हैं और बेच देते हैं। खाल और बाकी अवशेष वहीं छोड़ देते हैं।” यामीन ने यह भी कबूला कि 14 जून की गौकशी की वारदात उसी ने अंजाम दी थी। पुलिस को मौके से निम्नलिखित सामान बरामद हुआ:
- तमंचा: 315 बोर, एक ज़िंदा कारतूस और एक खोखा
- गौकशी उपकरण: 1 दाव, 3 छुरे, लकड़ी का गुटका, रस्सी
- बेहोशी के इंजेक्शन: शीशी व सिरिंज
लंबा आपराधिक इतिहास
यामीन उर्फ टूचा पर पहले से ही मेरठ के विभिन्न थानों में गौवध, पशु क्रूरता, आर्म्स एक्ट, चोरी और अवैध शराब जैसे गंभीर मामलों में 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसके बावजूद वह खुलेआम घूम रहा था और एक बार फिर बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था।
मुठभेड़ में शामिल पुलिस टीम
इस ऑपरेशन में थाना भावनपुर और स्वाट टीम ग्रामीण की सक्रिय भूमिका रही। टीम में शामिल अधिकारी और कर्मचारी थे: थाना भावनपुर की टीम में प्रभारी निरीक्षक कुलदीप सिंह, उपनिरीक्षक जोगेन्द्र सिंह, देवेश कुमार, ऋषिदेव सिंह, शेर सिंह, सिपाहीगण और स्वाट टीम में उपनिरीक्षक रविन्द्र सिंह, हेड कांस्टेबल अरुण चौहान, कांस्टेबल अजीत कुमार, कामील, सुनील कुमार शामिल रहे।
घायल यामीन को इलाज के लिए सीएचसी भावनपुर भेजा गया है। पुलिस उसकी निशानदेही पर फरार साथियों की तलाश में लगातार दबिश दे रही है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही पूरा गैंग गिरफ्त में आ जाएगा।

Author: Shivam Verma
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