Sonbhadra News: सोनभद्र ज़िले में एक कथित सड़क हादसे के बाद उठे सवालों ने पूरे मामले को संदेह के घेरे में ला खड़ा किया है। दो दिन पहले एक सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले चंदन तिवारी की मौत अब एक रहस्यमय मोड़ ले चुकी है। परिजनों का दावा है कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या है। मृतक के भाई और बहन द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर और पहले दर्ज मामले में कार्रवाई न होने से पुलिस की भूमिका पर भी उंगलियां उठ रही हैं।
चंदन की मौत और परिजनों की तहरीर से उठे सवाल
चंदन तिवारी की संदिग्ध मौत से जुड़ी कहानी 30 मई की रात से शुरू होती है। मृतक के छोटे भाई कुंदन तिवारी ने पहली जून को रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में दी गई तहरीर में आरोप लगाया कि उस रात लगभग 8:30 बजे एक बिना नंबर प्लेट वाली कार में सवार तीन लोग—आकाश सिंह उर्फ अभिषेक (निवासी बछौना), अखिलेश यादव (निवासी गौरवा) और बादल सिंह (निवासी बनौरा)—ने चंदन को अपनी पत्नी की बीमारी का बहाना बनाकर गाड़ी में बैठाया।
कुंदन का आरोप है कि तीनों आरोपियों ने बनौरा गांव ले जाते समय रास्ते में असलहे के कुंदे, लाठी-डंडे और बेल्ट से चंदन की बेरहमी से पिटाई की और गंभीर रूप से घायल अवस्था में उसे गोरडीहा गांव के एक प्राथमिक विद्यालय के पास फेंक दिया। बाद में पुलिस द्वारा उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
हत्या के प्रयास की एफआईआर, लेकिन कार्रवाई नहीं
इस हमले को लेकर कुंदन और चंदन की बहन, एडीएस नेता सुमन ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था। उन्होंने कई बार पुलिस से आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। परिजनों का कहना है कि एक आरोपी पर पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं, फिर भी पुलिस ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया।
पोस्टमार्टम को लेकर परिवार अड़ा, गिरफ्तारी के बिना नहीं देंगे शव
अब जब दो दिन पूर्व चंदन की सड़क दुर्घटना में मौत हुई, तो परिजनों ने इसे पूरी तरह से संदिग्ध करार दिया है। सुमन और कुंदन की मांग है कि जब तक पहले से दर्ज हत्या के प्रयास मामले में गिरफ्तारी नहीं होती और मौजूदा मौत के मामले में हत्या की एफआईआर दर्ज नहीं होती, तब तक वह पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे। इस कारण हादसे के 48 घंटे बाद भी शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है।
एएसपी ने दिए जांच के निर्देश
पूरे प्रकरण में एएसपी मुख्यालय ने रॉबर्ट्सगंज पुलिस को जांच कर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है कि आखिर पुलिस पहले से दर्ज गंभीर आरोपों में आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही। परिजन लगातार यह आशंका जता रहे हैं कि जिन लोगों पर पहले हत्या के प्रयास का आरोप था, वही अब चंदन की मौत के पीछे हो सकते हैं।
स्थानीय लोगों में रोष, कार्रवाई की मांग तेज
इस मामले को लेकर न सिर्फ परिजन, बल्कि स्थानीय लोगों में भी नाराजगी है। उनका कहना है कि जब किसी व्यक्ति पर गंभीर आरोप हैं और उसका आपराधिक इतिहास है, तो पुलिस की निष्क्रियता कई सवाल खड़े करती है। चंदन तिवारी की मौत ने क्षेत्र में असुरक्षा और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है।
पुलिस की तरफ से फिलहाल जांच जारी है और उच्च अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की बात कही जा रही है। हालांकि, चंदन तिवारी के परिजन अब भी अपने रुख पर अड़े हुए हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।

Author: Shivam Verma
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