Chandauli News: चंदौली जनपद के सकलडीहा तहसील अंतर्गत निदिलपुर गांव से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने ना केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया, बल्कि एक आम किसान की जिंदगी में भूचाल ला दिया। किसान अनिल गिरी को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया, जबकि वह पूर्णतः जीवित हैं और वर्षों से अपनी जमीन पर खेती कर रहे हैं।
यह मामला उस समय सामने आया जब अनिल गिरी अपनी ज़मीन से जुड़े एक कार्य के सिलसिले में सरकारी कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने जब दस्तावेज़ों की जांच करवाई, तो यह जानकर हैरान रह गए कि करी गांव के आराजी संख्या 624 से जुड़ी भूमि के अभिलेखों में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है। इस खुलासे के बाद से ही अनिल अधिकारियों के चक्कर काटते रहे और अपने हक की गुहार लगाते रहे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सकलडीहा के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) कुंदन राज कपूर ने तत्काल संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए। जांच के प्रारंभिक निष्कर्षों में सामने आया कि यह गलती करी गांव के तत्कालीन लेखपाल की थी। संबंधित लेखपाल का तबादला पहले ही चकिया तहसील में किया जा चुका है, लेकिन इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए अब उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
एसडीएम कुंदन राज कपूर ने साफ कहा कि यह मामला उनके कार्यभार संभालने से पहले का है, लेकिन प्रशासनिक जवाबदेही के तहत उन्होंने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा, “इस प्रकार की लापरवाही न केवल प्रशासन की साख को ठेस पहुंचाती है, बल्कि आम नागरिकों को मानसिक और आर्थिक रूप से भी प्रभावित करती है।”
उन्होंने आगे बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र भेजा जा रहा है, ताकि दोषी लेखपाल के खिलाफ उचित और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि यदि एक जीवित व्यक्ति को सरकारी अभिलेखों में मृत दिखाया जा सकता है, तो आम जनता को अपने हक की रक्षा के लिए किन-किन परेशानियों से गुजरना पड़ता होगा।

Author: Shivam Verma
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