Mathura News: पवित्र बृजधाम मथुरा में यम द्वितीया के पावन अवसर पर आस्था का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। गुरुवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही हजारों श्रद्धालु विश्राम घाट और आसपास के यमुना घाटों पर पहुंचने लगे। देश के कोने-कोने — गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से आए भक्तों ने यमुना में पवित्र स्नान किया और यमराज पूजा कर भाई-बहन के प्रेम का पर्व उत्साहपूर्वक मनाया।
यमुना घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़
सुबह से ही यमुना तटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों ने “यम की फांस से मुक्ति” की कामना के साथ डुबकी लगाई। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यम द्वितीया के दिन मथुरा में यमुना स्नान और यमराज दर्शन करने से पापों से मुक्ति मिलती है और भाई-बहन के बीच प्रेम अटूट बना रहता है।
स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने विश्राम घाट स्थित प्राचीन यमराज मंदिर में पूजा-अर्चना की। बहनों ने यमुना जी को वस्त्र, श्रृंगार सामग्री और दीप अर्पित किए, वहीं यमराज को काला वस्त्र चढ़ाकर श्रद्धा व्यक्त की।
भाई-बहन के प्रेम का पर्व
यम द्वितीया को भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। मथुरा की धार्मिक परंपरा इस पर्व को और अधिक विशेष बना देती है, जहां यमुना जी के पावन तट पर हर वर्ष हजारों श्रद्धालु एक साथ स्नान और पूजा करते हैं।
श्रद्धालु अनिल राठौर, मन्नू भाई, सुनीता भाई समेत कई लोगों ने बताया कि मथुरा में यम द्वितीया पर स्नान और पूजा करने से “आत्मिक शांति और सुख की अनुभूति” होती है। उनके अनुसार, यह पर्व भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और संरक्षण का प्रतीक है।
प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा और सुविधा के व्यापक इंतजाम किए। विश्राम घाट सहित सभी प्रमुख घाटों पर सुरक्षा बल्लियां बांधी गईं ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से स्नान कर सकें। यमुना में लगभग 25 फीट तक बैरिकेडिंग की गई है और पीएसी के गोताखोरों की टीम लगातार निगरानी में जुटी हुई है।
अधिकारियों ने किया निरीक्षण
एसपी सिटी राजीव कुमार सिंह ने बताया, “घाटों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।” वहीं, अपर नगर आयुक्त सौरव कुमार सिंह ने सफाई और प्रकाश व्यवस्था का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
मथुरा की धार्मिक परंपरा के अनुसार, यम द्वितीया का पर्व यमराज और यमुना जी के भाई-बहन के संबंध की याद दिलाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन यमुना जी ने अपने भाई यमराज को अपने घर आमंत्रित किया था, तभी से यह परंपरा आरंभ हुई। इसीलिए इस दिन यमुना स्नान और यमराज पूजा का विशेष महत्व है।

Author: Shivam Verma
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