Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमाई हुई है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने कड़ा कदम उठाते हुए अपने तीन विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। पार्टी ने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए इस सख्त कार्रवाई की पुष्टि की।
किन विधायकों को दिखाया गया बाहर का रास्ता?
समाजवादी पार्टी से निकाले गए तीन विधायकों में शामिल हैं:
- अभय सिंह – विधायक, गोशाईगंज
- राकेश प्रताप सिंह – विधायक, गौरीगंज
- मनोज कुमार पांडेय – विधायक, ऊंचाहार
पार्टी ने इन तीनों नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे समाजवादी पार्टी की मूल विचारधारा के विरुद्ध जाकर कार्य कर रहे थे। विशेष रूप से, उन पर साम्प्रदायिक, विभाजनकारी और पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) विरोधी ताकतों के साथ खड़े होने का आरोप लगाया गया है।
पार्टी ने पहले दी थी चेतावनी
सपा की ओर से जारी आधिकारिक बयान में बताया गया कि इन नेताओं को पहले ही ‘अनुग्रह-अवधि’ दी गई थी। इस अवधि के दौरान पार्टी ने उन्हें आत्ममंथन कर अपने आचरण में सुधार करने का अवसर दिया था। लेकिन तय समय के भीतर कोई सकारात्मक बदलाव न देखने के बाद यह कठोर निर्णय लिया गया। बयान में कहा गया, “समाजवादी पार्टी अपने सिद्धांतों और विचारधारा से कोई समझौता नहीं करेगी। जहां रहें, विश्वसनीय रहें।”
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह कदम सपा के भीतर अनुशासन को बनाए रखने और आगामी 2027 विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने की दिशा में एक सख्त संदेश माना जा रहा है। पार्टी का यह भी संकेत है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को अब कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सपा ने ट्वीट कर दी जानकारी
समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता व किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण, समाजवादी पार्टी जनहित में निम्नांकित विधायकों को पार्टी से निष्कासित करती है:
1. मा.…
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) June 23, 2025
इस पूरी कार्रवाई की जानकारी समाजवादी पार्टी ने एक्स (Twitter) के माध्यम से साझा की। पार्टी के आधिकारिक हैंडल से किया गया ट्वीट इस कार्रवाई को सार्वजनिक करता है और बताता है कि यह निर्णय पूरी तरह से विचार-विमर्श के बाद लिया गया है।

Author: Shivam Verma
Description