Big Attack by JDU in IRCTC Scam Case : बिहार की सियासत में उस वक्त जबरदस्त हलचल मच गई जब दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने चर्चित आईआरसीटीसी घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में आरोप तय किए। इस घटनाक्रम के बाद जहां आरजेडी इसे एक चुनावी साजिश करार दे रही है, वहीं जेडीयू ने पलटवार करते हुए इसे न्यायपालिका की प्रक्रिया बताया और तेजस्वी यादव को ‘कोर्ट में सरेंडर’ करने की सलाह दी।
JDU का तेजस्वी पर करारा पलटवार
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने साफ तौर पर कहा कि यदि तेजस्वी यादव के नाम संपत्ति है, तो उन्होंने कोर्ट में अब तक सरेंडर क्यों नहीं किया? उन्होंने तेजस्वी द्वारा कोर्ट के फैसले को चुनाव से जोड़ने पर तीखा सवाल उठाते हुए कहा,
“अगर ये चुनावी साजिश है, तो आपके वकील ने कोर्ट में इसका विरोध क्यों नहीं किया?”
नीरज कुमार ने यह भी कहा कि लालू परिवार ने जो किया है, अब उसे भुगतना पड़ेगा। उन्होंने इस पूरे मामले को कानून की “स्वाभाविक प्रक्रिया” बताया।
जमीन के बदले नौकरी का आरोप
नीरज कुमार ने लालू यादव पर राजनीतिक पद का दुरुपयोग कर जमीन हथियाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब उन्होंने अपने रिश्तेदारों को रेलवे में नौकरी दिलवाने के बदले जमीन ली।
“राबड़ी देवी के चाचा नाटा चौधरी के परिवार को नौकरी दी, बदले में जमीन ले ली। मंगरू राय के परिजनों से भी यही किया गया। लालू का परिवार पटना का सबसे बड़ा जमींदार है।”
तेजस्वी के चुनावी अभियान को झटका
अब जब कोर्ट ने आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120बी (आपराधिक साजिश) समेत अन्य गंभीर धाराओं में आरोप तय किए हैं, यह मामला सीधे तौर पर तेजस्वी यादव के चुनावी अभियान को प्रभावित कर सकता है।
‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में भी आज कोर्ट में सुनवाई होनी है, जिससे तेजस्वी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
CBI की कार्रवाई और आरोप
इस मामले में सीबीआई ने 7 जुलाई 2017 को केस दर्ज किया था। आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने IRCTC के दो होटलों (बीएनआर रांची और पुरी) के रखरखाव के ठेके अनियमित रूप से दिए और बदले में अपने परिवार के नाम पर जमीन हासिल की गई।
सुझाता होटल्स के विजय कोचर और विनय कोचर पर भी आरोप तय हो चुके हैं।
