Bihar Elections 2025 : बिहार की राजनीति में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है। खासकर NDA और महागठबंधन दोनों के खेमों में सीट बंटवारे को लेकर लगातार मंथन जारी है। इन्हीं सियासी सरगर्मियों के बीच भाजपा में पवन सिंह की वापसी को NDA का ‘गेमचेंजर प्लान’ माना जा रहा है।
पवन सिंह की वापसी: BJP का डैमेज कंट्रोल
भोजपुरी सुपरस्टार और पावर स्टार के नाम से मशहूर पवन सिंह की भाजपा में वापसी को सिर्फ एक ‘घर वापसी’ न मानें। ये रणनीति शाहाबाद क्षेत्र के जातीय समीकरणों को पुनः साधने की एक कोशिश है।
लोकसभा चुनाव 2024 में काराकाट सीट से पवन सिंह की बगावत ने NDA उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा को तीसरे पायदान पर पहुंचा दिया था। नतीजा—NDA को करारी हार का सामना करना पड़ा।
अब भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने घोषणा करते हुए कहा:
“पवन सिंह भाजपा में थे और भाजपा में ही रहेंगे।”
शाहाबाद की राजनीतिक बिसात: कुशवाहा + राजपूत समीकरण
शाहाबाद क्षेत्र, जिसमें आरा, बक्सर, सासाराम और काराकाट जैसे अहम क्षेत्र शामिल हैं, NDA के लिए सिरदर्द बना हुआ है।2020 विधानसभा चुनाव में इन 22 सीटों में से NDA को केवल 2 सीटें मिली थीं।वहीं, 2024 लोकसभा चुनाव में चारों सीटों पर NDA की हार ने खतरे की घंटी बजा दी थी। अब भाजपा, आनंद मिश्रा और पवन सिंह जैसे बागी नेताओं को वापस लाकर राजपूत वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है।विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा एक मंच पर आते हैं तो राजपूत-कुशवाहा समीकरण बन सकता है, जो महागठबंधन के Yadav-Muslim समीकरण को सीधे चुनौती देगा।
क्यों जरूरी हैं पवन सिंह NDA के लिए?
-
लोकप्रिय चेहरा – भोजपुरी भाषी इलाकों में जबरदस्त फैनबेस
-
ग्रामीण और शहरी प्रभाव – शहरों के साथ-साथ गांवों में भी पकड़
-
जातीय समीकरण – राजपूत समुदाय का बड़ा प्रतिनिधित्व
-
पिछले चुनाव में नुकसान का कारण – NDA की हार का एक मुख्य कारण रहे
-
राजनीतिक संतुलन – कुशवाहा समाज और राजपूत समाज के बीच पुल का काम कर सकते हैं
महागठबंधन को लगेगा झटका?
महागठबंधन ने 2024 में कुशवाहा उम्मीदवारों को टिकट देकर MY + कुशवाहा समीकरण बनाया था, जो कारगर साबित हुआ।
अब यदि NDA राजपूत (पवन सिंह) और कुशवाहा (उपेंद्र कुशवाहा) वोट बैंक को एक मंच पर लाने में सफल रहा, तो यह महागठबंधन के समीकरण को अस्थिर कर सकता है।
अंदरखाने क्या डील हुई?
सूत्रों की मानें तो पवन सिंह को कुशवाहा की पार्टी से 2 विधानसभा सीट और राज्यसभा की एक सीट का प्रस्ताव मिला है।
यह उन्हें NDA के लिए और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
