Chandauli News: जिले में बच्चों और महिलाओं के पोषण एवं शिक्षा स्तर को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारत सरकार की योजना के तहत चंदौली जनपद में संचालित 223 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को अब नियमित आंगनबाड़ी केंद्रों में तब्दील किया जा रहा है। इस बदलाव के साथ-साथ इन केंद्रों पर कार्यरत सहायिकाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री के रूप में पदोन्नत किया जा रहा है, जिससे न केवल उनकी भूमिका और ज़िम्मेदारी बढ़ेगी, बल्कि उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
पोषण और शिक्षा में सुधार की उम्मीद
भारत सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण सेवाओं और प्रारंभिक शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। चंदौली जिले के कुल 9 ब्लॉकों में फैले 223 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में से 211 पर पहले से ही सहायिकाएं कार्यरत थीं, जिन्हें अब कार्यकर्त्री के रूप में नियुक्त किया गया है। बाकी बचे 12 केंद्रों पर सहायिकाएं नहीं थीं, लेकिन वहां भी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इस परिवर्तन की पुष्टि करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि 211 सहायिकाओं की पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और संबंधित रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी गई है।
क्या होगा बदलाव का असर?
नियमित आंगनबाड़ी केंद्र बनने के बाद इन केंद्रों में सुविधाएं और सेवाएं और बेहतर होंगी। बच्चों को अब अधिक संगठित ढंग से पोषण आहार, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और शिक्षा जैसी सेवाएं मिल सकेंगी। साथ ही गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को भी अधिक सुचारु और प्रभावी ढंग से सेवाएं प्राप्त होंगी।
इसके अतिरिक्त, कार्यकर्त्रियों को बेहतर प्रशिक्षण, मानदेय और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे वे अपने कार्य को अधिक जिम्मेदारी और प्रभावशीलता के साथ कर सकेंगी।

Author: Shivam Verma
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