Chandauli News: चंदौली जनपद में आई तेज़ तूफानी आंधी और बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। जिले के अधिकांश हिस्सों में खड़ी धान की फसलें बर्बाद हो गईं, जिससे किसानों में गहरा रोष है। फसलों के नुकसान की भरपाई न मिलने पर किसानों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर तत्काल मुआवजा देने की मांग की है।
चंदौली में तूफान का कहर
चंदौली, जिसे “धान का कटोरा” कहा जाता है, वहां के खेतों में खड़ी धान की फसलें तूफान के कारण पूरी तरह चौपट हो गईं। तेज़ हवाओं और लगातार हुई वर्षा से खेतों में पानी भर गया, जिससे कई जगहों पर धान की बालियां गिर गईं और अगली फसल – गेहूं की बुआई भी प्रभावित हो रही है। किसानों के अनुसार इस प्राकृतिक आपदा ने उनकी महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया है।
जिलाधिकारी को सौंपा गया ज्ञापन
प्रभावित किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को जिलाधिकारी से मुलाकात की और नुकसान की भरपाई की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा। किसानों ने कहा कि तूफान से उनकी फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, ऐसे में अगर तुरंत मुआवजा नहीं मिला तो वे अगली फसल की तैयारी नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द सर्वे कराया जाए और वास्तविक नुकसान के आधार पर उचित मुआवजा दिया जाए। किसानों का कहना है कि सरकार को उनके दर्द को समझते हुए तत्काल राहत पैकेज घोषित करना चाहिए।
सर्वे प्रक्रिया में गड़बड़ी
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि लेखपालों द्वारा किए जा रहे सर्वे में पारदर्शिता नहीं है। कई किसानों ने बताया कि उनके खेतों का निरीक्षण किए बिना ही रिपोर्ट तैयार कर दी गई है। इससे वास्तविक नुकसान का आकलन नहीं हो पा रहा और मुआवजा मिलने की संभावना बेहद कम हो गई है। किसानों का कहना है कि यदि निष्पक्ष सर्वे नहीं हुआ तो हजारों किसान आर्थिक संकट में फंस जाएंगे।
किसान यूनियन ने दी आंदोलन की चेतावनी
किसान यूनियन के पदाधिकारी दिना नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि तूफान से जिले के अधिकांश क्षेत्रों में व्यापक नुकसान हुआ है। उन्होंने सरकार से विशेष राहत पैकेज की घोषणा करने की मांग की। श्रीवास्तव ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने शीघ्र ही किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो किसान आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, वे शांत नहीं बैठेंगे।
ज्ञापन सौंपने के दौरान बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष घनश्याम प्रधान, तिलकधारी बिंद, पूर्व प्रधान अनुज सिंह, शेषनाथ यादव, पिंटू पाल सहित कई अन्य किसान मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में प्रशासन से प्रभावित किसानों को राहत दिलाने की मांग की।
Author: Shivam Verma
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