Darbhanga, Bihar News : बिहार विधानसभा चुनाव के सियासी घमासान के बीच विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने एक बड़ा यू-टर्न लेते हुए चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया है। दरभंगा जिले की गौड़ा बौराम सीट से नामांकन करने की घोषणा के कुछ ही देर बाद शुक्रवार को मीडिया के सामने आकर सहनी ने स्पष्ट किया कि वह खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि पूरी ताकत से अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेंगे।
सहनी ने दो टूक शब्दों में कहा, “मेरा मकसद विधायक बनने का नहीं है, बल्कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद डिप्टी मुख्यमंत्री पद पाना है।” इसके अलावा उन्होंने आरजेडी की ओर से मिली राज्यसभा सीट के ऑफर को भी ठुकरा दिया है। इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का नया विषय पैदा कर दिया है।
गौड़ा बौराम सीट पर आखिरी वक्त का ड्रामा
मुकेश सहनी के चुनाव लड़ने को लेकर संशय तब से शुरू हुआ जब महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर विवादित स्थिति बनी। वीआईपी ने घोषणा की थी कि सहनी गौड़ा बौराम से नामांकन करेंगे, लेकिन नामांकन के आखिरी दिन आरजेडी के कैंडिडेट अफजल अली ने भी उसी सीट से पर्चा दाखिल कर दिया। इससे सहनी का चुनावी मैदान से हटना और विवाद गहराने लगा।
वीआईपी का दावा – 15 सीटें, एमएलसी और राज्यसभा की सौगात
इससे पहले वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा था कि वीआईपी को महागठबंधन में कुल 15 सीटें मिली हैं। इसके अलावा, राजद ने वीआईपी को एक राज्यसभा और दो विधान परिषद (एमएलसी) की सीटें देने का भी आश्वासन दिया था। हालांकि, सहनी ने राज्यसभा सीट का ऑफर ठुकरा दिया है, जिससे पार्टी के अंदर विवाद बढ़ गया है।
डिप्टी CM बनने की राह – विधान परिषद से?
चुनाव न लड़ने के फैसले के बाद माना जा रहा है कि सहनी अब एमएलसी के रास्ते ही सरकार में प्रवेश करेंगे। वीआईपी के अनुसार, राजद ने दो एमएलसी सीटें देने का वादा किया है, जिससे सहनी के लिए डिप्टी मुख्यमंत्री बनने की राह आसान हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सहनी की प्राथमिकता विधायक बनने से ज्यादा उप-मुख्यमंत्री पद पर बनी हुई है।
