Lucknow: लंबे समय से UP STF की नज़र Digital Arrest कर ठगी करने वाले चोरों पर थी। ये चोर सीबीआई, नारकोटिक्स, क्राईमब्रांच के अधिकारी बनकर लोगों को डिजिटल अरैस्ट करते थे, और उन्हें लंबी चपत लगाते थे। इस गैंंग का मास्टर माइंड अब यूपी एसटीएफ़ की गिरफ्त में आ चुका है। बाकी गैंंग मेम्बर्स को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं।
यूपी एसटीएफ ने शनिवार देर शाम को इस गिरोह के मास्टर माइंड को इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए अभियुक्त की पहचान सुरेश कुमार सैन (उम्र- 43) पुत्र रामदयाल सैन निवासी ग्राम रामनगर, थाना बानसुर, तहसील बानसुर ,जिला कोटपुतली अलवर, राजस्थान के रूप में की गई। यह पूरे देश में अनेकों डिजिटल अरैस्ट मामलों को अंजाम देकर और बचकर कंबोडिया भाग गया था। UP STF ने अभियुक्त सुरेश के पास से कम्बोडियन रोजगार कार्ड, सिम कार्ड, एबीए बैंक एटीएम कार्ड और 160 डॉलर नकद बरामद किए।
कैसे देते थे घटना को अंजाम
सुरेश ने सबसे पहले अन्य अपराधियों के अपने साथ शामिल करके एक नेटवर्क बनाया और उनको अच्छी तरह से धोखाधड़ी के लिए ट्रेन भी किया। इसके बाद ये पीड़ितों को काल या मैसेज के द्वारा ऐसा बताया जाता था, कि वह किसी बड़ी समस्या में फंस चुके हैं। जैसे की आपके आधार कार्ड, मोबाइल नंबर या किसी अन्य वैलिड आईडी द्वारा कोई गलत व्यवहार के साक्ष्य मिले हैं। जिसकी वजह से पीड़ित बड़ी सजा और जुर्माना हो सकता है।
इसके बाद वीडियो काल के माध्यम से पीड़ित को ऐसा विश्वास दिलाते थे की वह किसी जांच के दायरे में आ चुका है। जिसके लिए वह सीबीआई, नारकोटिक्स ब्यूरो और क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के रूप में वीडियो काल पर आते थे। और उनके डर का फायदा उठाकर चालाकी से पैसे वसूलने का काम करते थे।
लखनऊ में दर्ज था मुकदमा
वैसे तो पिछले दिनों साइबर क्राइम में ऐसी बहुत सी रिपोर्ट दर्ज हो रहीं थी। उसी की कड़ी में लखनऊ के डॉ अशोक शोलंकी ने साइबर क्राइम, लखनऊ में एक मुकदमा दर्ज करवाया। जिसमें उन्होने बताया की उनसे 2 दिन तक सीबीआई/नारकोटिक्स/ क्राईमब्रांच के अधिकारी बनकर पूछताछ की गयी यानि की दो दिनों तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया गया और 48 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिया गया।
विगत समय की ऐसी लगातार आती सूचनाओं को ध्यान में रखकर एसटीएफ़ का गठन किया गया। जिससे यूपी एसटीएफ़ की इन अपराधियों पर कड़ी नज़र लगातार बनी हुई थी। जिससे लगभग 11 अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तारी भी की गयी है। इससे बचने के लिए मास्टरमाइंड कंबोडिया भाग गया था लेकिन अब इस गैंंग का मास्टर-माइंड सुरेस भी गिरफ्त में आ चुका है।
पूछताछ में कई चीज़ें आई सामने
एसटीएफ़ की पूछताछ में कई चीजें सामने निकल के सामने आई हैं। सबसे पहले अभियुक्त सुरेश कुमार सेन ने बताया कि उसे गिरफ्तारी की आशंका पहले ही हो गयी थी। इसलिए वह अप्रैल 2023 में दिल्ली से कोलकाता और फिर बैंकॉक होते हुये कंबोडिया निकल गया था। वहाँ एजेंट रफीक भाटी झूझनू, राजस्थान के जानने वाले एजेंट नितिन निवासी मुंबई के माध्यम से कंबोडिया में एक बांग्लादेशी नागरिक से मिला। इसके अतिरिक्त सुरेश ने बताया की इस अपराध में कई देशों के लोग भी शामिल हैं। उसने पूरे नेटवर्क की जानकारी पुलिस को सौंप दी है।
अभियुक्त सुरेश द्वारा दी गयी जानकारी से गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी का प्रयास जारी है। गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ मु0अ0सं0 142/2024 धारा 319(2), 318(2), 338, 336(2), 340, 61(2);एद्ध बीएनएस व 66 डी आईटी एक्ट, थाना साइबर क्राइम लखनऊ में दाखिल किया गया है।
अतिरिक्त जानकारी आप थाना साइबर क्राइम लखनऊ के प्रैस नोट को पढ़कर पा सकते हैं।