Hapur News: बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के गांव नूरपुर में 16 नवंबर की रात हुए विवाद ने गुरुवार देर रात एक और जान ले ली। मामूली कहासुनी से शुरू हुआ झगड़ा खूनी संघर्ष में बदल गया था, जिसमें गंभीर रूप से घायल आयुष (22) ने दिल्ली एम्स में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। आयुष के निधन की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया और तनाव गहरा गया है।
कैसे भड़का था विवाद?
नूरपुर निवासी सुंदर की तहरीर के अनुसार, रविवार शाम करीब 4 बजे उनका बेटा अमन बुग्गी लेकर गांव से गुजर रहा था। रास्ते में संजय का ट्रैक्टर खड़ा था। अमन के ट्रैक्टर हटाने के अनुरोध पर संजय के बेटे अर्पित ने मारपीट और गाली-गलौज शुरू कर दी।
शाम की यह कहासुनी उसी रात करीब 8:30 बजे बड़े विवाद में तब बदल गई जब संजय, अर्पित, श्रवण, प्रेमपाल, अक्षय, अमित और भूरे ने मिलकर जगदीश पर हमला कर दिया। शोर सुनकर सुंदर पक्ष के लोग पहुंचे तो आरोपी घर की छत पर चढ़ गए और देसी हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी।
फायरिंग से दहला गांव, आठ लोग घायल
फायरिंग और मारपीट में आयुष, निखिल, अनुज, रवि, विजय, संत सिंह और माही गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को तुरंत नगर के निजी अस्पताल ले जाया गया। स्थिति नाजुक होने पर रवि और आयुष को मेरठ रेफर किया गया, जहां से आयुष को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स भेजा गया था। गुरुवार रात इलाज के दौरान आयुष की मृत्यु हो गई।
आयुष की मौत के बाद गांव में तनाव बढ़ गया है। दोनों पक्ष एक ही गांव के होने के कारण किसी भी अप्रिय घटना की आशंका के चलते पुलिस ने नूरपुर में भारी फोर्स तैनात कर दी है। पीड़ित पक्ष ने कुल नौ लोगों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
दो आरोपी गिरफ्तार, कई अब भी फरार
पुलिस अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से तमंचे बरामद कर चुकी है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है। इस मामले में गांव के ग्राम प्रधान और जेल में बंद एक हिस्ट्रीशीटर पर भी साजिश रचने के आरोप लगे हैं।
थाना प्रभारी निरीक्षक मुनीष प्रताप सिंह ने बताया कि आयुष की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमों को लगाया गया है और जल्द ही सभी को पकड़ लिया जाएगा।
Author: Shivam Verma
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