Hapur News: एक ओर जहां सरकार हापुड़ जिले की तीर्थ नगरी ब्रजघाट को “मिनी हरिद्वार” के रूप में विकसित करने में जुटी है, वहीं दूसरी ओर कुछ असामाजिक तत्व इस पवित्र स्थान की पवित्रता को ठेस पहुंचा रहे हैं। ताजा मामले में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीएनबी) की टीम ने ब्रजघाट में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए करीब 80 लाख रुपये मूल्य की नशीली दवाओं की खेप बरामद की है।
पुलिस चौकी के पीछे से पकड़ी गई नशे की खेप
सीएनबी की यह कार्रवाई सोमवार को की गई। एसपी सिंह (सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस, सीएनबी) के नेतृत्व में एसआई गौरव शर्मा एवं टीम ने ब्रजघाट पुलिस चौकी के पीछे बने एक मकान में छापा मारा। इस मकान में चल रही एक दुकान से 15 से अधिक पेटियों में भरी हुई नशे की गोलियां, इंजेक्शन और कैप्सूल बरामद किए गए। अधिकारियों ने बताया कि इन दवाओं की बाजार में कीमत करीब 80 लाख रुपये आंकी गई है।
मौके से एक युवक को हिरासत में लिया गया है, जबकि इस अवैध धंधे में संलिप्त अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। नारकोटिक्स टीम के अनुसार यह गैंग केवल ब्रजघाट ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों और जिलों में भी नशे का कारोबार कर रहा था। टीम अब पूरे गिरोह का नेटवर्क खंगाल रही है।
धर्मनगरी में बढ़ते असामाजिक तत्व
ब्रजघाट धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां हर माह लगभग 15 लाख श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं। बावजूद इसके, यहां नशे एवं अन्य अनैतिक गतिविधियों की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। बताया जा रहा है कि अधिकतर असामाजिक तत्व बाहरी जिलों से आकर धर्मशालाओं, गेस्ट हाउस एवं मकानों में किराए पर रह रहे हैं।
ये लोग दिन में भिक्षावृत्ति, गंगा घाटों पर उठाईगिरी और रात में अवैध शराब, नशीली गोलियां और इंजेक्शन के माध्यम से अपराधों को अंजाम देते हैं। बीते कुछ महीनों के अपराधी रिकॉर्ड पर नजर डालें तो इनमें से अधिकांश अभियुक्त बाहरी क्षेत्र के निवासी पाए गए हैं।
पुलिस और खुफिया विभाग पर उठे सवाल
जहां यह अवैध कारोबार पकड़ा गया है, वह स्थान ब्रजघाट पुलिस चौकी से ज्यादा दूर नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि स्थानीय पुलिस और खुफिया तंत्र को इसकी जानकारी पहले क्यों नहीं हो सकी? क्या यह लापरवाही थी या कोई अनदेखी?
इस मसले पर प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि, “इस पूरे मामले की जांच की जा रही है और हमें अन्य सूत्रों से भी सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। हालांकि अभी तक किसी अधिकारी द्वारा इस पर अधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।”

Author: Shivam Verma
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