Lucknow News: सुशांत गोल्फ सिटी में विकसित हो रही हाईटेक टाउनशिप परियोजना को लेकर अंसल API कंपनी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लखनऊ में लगातार पीड़ित आवंटियों द्वारा थाने में शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं। ताजा घटनाक्रम में सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में अंसल API के खिलाफ तीन और एफआईआर दर्ज की गई हैं। साथ ही, आज यानी मंगलवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) इस बहुचर्चित प्रकरण पर अहम फैसला सुनाने वाला है, जिस पर हज़ारों आवंटियों की उम्मीदें टिकी हुई हैं।
ठगी के आरोप में दर्ज हुई ताज़ा FIR
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अंसल API के खिलाफ नई एफआईआर तीन अलग-अलग पीड़ितों की तहरीर पर दर्ज की गई है। इन लोगों का आरोप है कि उन्हें फ्लैट और प्लॉट आवंटन के नाम पर करोड़ों रुपये की मांग की गई, जिसमें कुल 36.61 लाख रुपये जमा कराए गए। हालांकि, लंबे समय तक प्रतीक्षा के बाद न तो उन्हें जमीन मिली और न ही कोई निर्माण कार्य शुरू हुआ। जब उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे, तो उन्हें कथित रूप से धमकाया भी गया।
थाना प्रभारी, सुशांत गोल्फ सिटी ने पुष्टि की कि पीड़ितों की लिखित शिकायत के आधार पर आईपीसी की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गई है और आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
आज NCLAT में सुनवाई
उल्लेखनीय है कि फरवरी 2024 में नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने अंसल API को दिवालिया घोषित कर दिया था। इस फैसले को उत्तर प्रदेश की राजधानी विकास प्राधिकरण (LDA) ने एकतरफा बताते हुए चुनौती दी थी और अपील करते हुए मामला NCLAT तक पहुंचा। 25 अप्रैल को हुई पिछली सुनवाई में NCLAT ने NCLT के फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी थी और अगली सुनवाई की तारीख 20 मई यानी आज निर्धारित की थी।
माना जा रहा है कि आज NCLAT द्वारा दिया जाने वाला फैसला अंसल की हाईटेक टाउनशिप परियोजना के भविष्य को तय करेगा। संभावनाएं हैं कि न्यायाधिकरण अंसल को परियोजना से हटाकर किसी तीसरी पार्टी को निर्माण कार्य सौंपने का निर्देश दे सकता है। ऐसा हुआ तो इससे सीधे तौर पर लगभग 5,000 आवंटियों को राहत मिल सकती है, जो कई वर्षों से अपने घर की आस में भटक रहे हैं।
हर हफ्ते दर्ज हो रहे नए केस
बीते कुछ महीनों से लखनऊ में अंसल API के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की रफ्तार तेज हुई है। सूत्रों के अनुसार, हर सप्ताह औसतन छह से अधिक मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हो रहे हैं। अधिकतर शिकायतों में फ्लैट या प्लॉट की बुकिंग के नाम पर पैसे लेने के बाद निर्माण कार्य न शुरू करने, समय पर कब्जा न देने और धन वापसी में आनाकानी जैसी बातें सामने आ रही हैं।

Author: Shivam Verma
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