Mathura, Uttar Pradesh: मथुरा में तैनात पीसीएस अधिकारी को लखनऊ से आई विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ उनके आवास से रिश्वत लेते हुये गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद टीम ने उनके कार्यालय की भी तलाशी ली और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। इस कार्रवाई से सरकारी महकमों में हड़कंप मच गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
शिकायतकर्ता ग्राम प्रधान की शिकायत पर लखनऊ विजिलेंस टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। टीम ने पहले से जाल बिछाया था, जैसे ही पीसीएस अधिकारी किरण चौधरी ने रिश्वत के 70 हजार रुपये हाथ में लिए, विजिलेंस टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।
शिकायतकर्ता ने विजिलेंस टीम को सूचित किया था कि पंचायत के विकास कार्यों से संबंधित कुछ कागजातों पर हस्ताक्षर करवाने के लिए पीसीएस अधिकारी ने रिश्वत की मांग की थी। इसके बाद टीम ने गोपनीय रूप से पूरे मामले पर निगरानी रखनी शुरू कर दी और जाल बिछाकर अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ लिया।
क्या है पूरा मामला?
पीसीएस अधिकारी किरण चौधरी मथुरा में जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) के पद पर तैनात हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने ग्राम पंचायत झुड़ावई के प्रधान से विकास कार्यों में अनियमितताओं को नज़रअंदाज करने के बदले रिश्वत की मांग की थी।
ग्राम प्रधान प्रताप सिंह राना ने सतर्कता अधिष्ठान को शिकायत दी थी कि पंचायत में हुए टीन शेड निर्माण कार्य में कथित अनियमितताओं को लेकर डीपीआरओ ने 70 हजार रुपये की मांग की थी। विजिलेंस टीम ने इसकी पुष्टि के लिए प्रधान को पैसे लेकर डीपीआरओ के आवास भेजा और जैसे ही उन्होंने पैसे लिए, टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद डीपीआरओ ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है। हालांकि, विजिलेंस टीम ने उनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाए हैं, जिसमें रिश्वत लेते समय का वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग शामिल है।
कार्यालय में भी चली जांच
गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस टीम राजीव भवन स्थित डीपीआरओ कार्यालय पहुंची और यहां मौजूद सभी फाइलों की जांच की। टीम ने कई अहम दस्तावेज जब्त किए, जिनका इस्तेमाल आगे की जांच में किया जाएगा। इस दौरान कई कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई।
कार्यालय में हुई इस जांच के दौरान यह भी पता चला कि डीपीआरओ पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं, लेकिन तब उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। विजिलेंस टीम ने उनकी पुरानी फाइलों की भी जांच करने का फैसला किया है।
कौन हैं किरण चौधरी?
गिरफ्तार पीसीएस अधिकारी किरण चौधरी इससे पहले बीएन पोद्दार इंटर कॉलेज में शिक्षक रह चुकी हैं। बाद में उन्होंने प्रशासनिक सेवा जॉइन की और वर्तमान में मथुरा में डीपीआरओ पद पर कार्यरत थीं। उनके खिलाफ पहले भी कुछ विवाद उठ चुके हैं, लेकिन इस बार विजिलेंस टीम ने पुख्ता सबूतों के साथ उन्हें गिरफ्तार किया है।
क्या होगी कार्यवाही?
विजिलेंस टीम अधिकारी को लखनऊ ले गई है, जहां उनसे पूछताछ जारी रहेगी। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस घटना के बाद सरकारी विभागों में खलबली मची हुई है।
सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस टीम जल्द ही अन्य संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ कर सकती है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस भ्रष्टाचार में और कौन-कौन शामिल था।
भ्रष्टाचार के मामलों पर बढ़ी सख्ती
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। कई अधिकारियों को रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं के चलते गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। डीपीआरओ किरण चौधरी की गिरफ्तारी इसी कड़ी का एक हिस्सा है, जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि सरकारी विभागों में पारदर्शिता लाने के लिए प्रशासन कोई समझौता नहीं करेगा।