बागेश्वर धाम में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की गरिमामयी उपस्थिति में 251 जोड़ों का भव्य सामूहिक विवाह समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की। उन्होंने संत समाज से समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और सामाजिक समरसता को बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आह्वान किया।
संतों की भूमिका महत्वपूर्ण: राष्ट्रपति मुर्मु
राष्ट्रपति ने कहा कि समकालीन समाज में जागरूकता और सामाजिक समरसता की आवश्यकता है। गुरुनानक देव, संत रविदास, कबीरदास और मीरा बाई जैसे संतों ने समाज को नई दिशा दी है और महिलाओं को उचित स्थान दिलाने में योगदान दिया है। उन्होंने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा सामूहिक विवाह जैसे आयोजनों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होगी।
सामूहिक विवाह में 251 बेटियों का हुआ विवाह
सामूहिक विवाह समारोह में 251 बेटियों का विवाह संपन्न हुआ, जिनमें से 108 बेटियां जनजातीय समुदाय से थीं। राष्ट्रपति ने प्रतीक स्वरूप तीन जोड़ों को उपहार भेंट किए और अन्य सभी नवदम्पतियों को गृहस्थ जीवन की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर नव विवाहित जोड़ों को गृहस्थी के उपयोगी सामानों के साथ-साथ सिलाई मशीन जैसी स्वावलंबन की वस्तुएं भी प्रदान की गईं।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री का आशीर्वाद
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि सामाजिक चेतना और जनकल्याण के लिए ऐसे आयोजन अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने राष्ट्रपति का प्रदेश में आगमन पर आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बागेश्वर धाम में हनुमान जी के आशीर्वाद से जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह से सामाजिक सौहार्द्र को बढ़ावा मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने नवविवाहित जोड़ों को राज्य सरकार की ओर से 51-51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
मठ-मंदिरों की दान राशि समाज कल्याण में लगाने का आव्हान
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंदिरों की दान पेटियों की राशि को गरीब परिवारों की बेटियों के उत्थान में लगाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि यदि समाज के सभी लोग इस संकल्प को अपनाएं, तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई रोक नहीं सकता। इस अवसर पर देश-विदेश से आए अनेक संत, एनआरआई और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
बागेश्वर धाम में आयोजित इस सामूहिक विवाह महोत्सव ने सामाजिक सौहार्द्र और समरसता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। संतों, शासन और समाज के सहयोग से ऐसे प्रयास समाज को नई दिशा देने में सहायक होंगे।

Author: Shivam Verma
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