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Shiv Aarti: शिवजी की आरती – ॐ जय शिव ओमकारा

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Shiv Aarti Lyrics: हिन्दू धर्म में भगवान शिव को त्रिदेवों में से सबसे शक्तिशाली देवता माना जाता है, जो संहारक रूप में जाने जाते हैं। भगवान शिव की स्तुति के लिए सोमवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है, इसके अतिरिक्त हर महीने की शिवरात्रि और महाशिवरात्री व श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। जिनमें भगवान शिवजी की आरती- ॐ जय शिव ओंकारा के साथ ही पूजा सम्पन्न होती है।

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शिवजी की आरती – ॐ जय शिव ओंकारा

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव…॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव…॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव…॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव…॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव…॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥
ॐ जय शिव…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव…॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव…॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय शिव…॥

Shiv Ji Ki Aarti

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Shivam Verma
Author: Shivam Verma

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