Sultanpur News: लम्भुआ तहसील क्षेत्र के मलिकपुर गांव में करोड़ों की बेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह निर्माण इस्लामगंज-करोमी मार्ग पर स्थित नवीन परती की गाटा संख्या 886, रकबा 0.1090 हेक्टेयर जमीन पर हो रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शिकायतों के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कोतवाली देहात पुलिस और राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारी इस अवैध निर्माण को संरक्षण दे रहे हैं। शिकायत करने के बावजूद पुलिस और प्रशासन की चुप्पी से लोगों में नाराजगी है।
किसका है मामला?
जानकारी के अनुसार मलिकपुर गांव के निवासी कमरुद्दीन और उनके भाई रिजवान ने, अपात्र होने के बावजूद, अपने रसूख के दम पर सरकारी परती जमीन पर आवास का आवंटन करा लिया। आरोप है कि पहले ही ये दोनों भाई इस जमीन पर कब्जा कर निर्माण कर चुके हैं और अब शेष जमीन पर भी अवैध तरीके से निर्माण कर कब्जा कर रहे हैं।
पुलिस-प्रशासन की संदिग्ध रही भूमिका
शिकायत मिलने पर डायल 112 की पुलिस मौके पर तो पहुंची, लेकिन किसी सक्षम अधिकारी के आदेश और जमीन की सीमा निर्धारण के बिना ही निर्माण कार्य को रोकने की बात कहकर लौट गई। इसके बाद भी निर्माण कार्य बिना किसी रुकावट के जारी है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि हल्का लेखपाल संतोष न तो फोन उठाते हैं और न ही मौके पर पहुंचते हैं। उनके साथ-साथ अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि सेटिंग-गेटिंग के चलते तहसील और थाने के अधिकारियों ने आंखें मूंद ली हैं।
उच्चाधिकारियों की निगाह से दूर?
मामला जितना गंभीर है, उतनी ही हैरानी की बात यह है कि जिले के बड़े अधिकारी अब तक इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आम जनता को उम्मीद है कि जल्द ही उच्चाधिकारी इस प्रकरण पर संज्ञान लेकर जांच शुरू करेंगे।
ग्रामीणों की मांग है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाए। स्थानीय निवासी रमेश यादव का कहना है, “सरकारी जमीन पर इस तरह खुलेआम कब्जा और निर्माण हो रहा है, और जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं। अगर आम आदमी ऐसा करे तो उस पर तुरंत कार्रवाई होती है।”

Author: Shivam Verma
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