Sultanpur News: एक किशोरी के अपहरण के मामले में दोषी ठहराए गए मनराज उर्फ मल्लू को स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत ने पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने साथ ही उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत से आया, जिन्होंने एक दिन पहले ही आरोपी को अपहरण के मामले में दोषी करार दिया था।
बहलाकर किया गया था अपहरण
पीड़िता के परिजनों के अनुसार, यह मामला 8 दिसंबर 2021 का है। उस दिन किशोरी घर से शौच के लिए निकली थी। तभी आरोपी मनराज उर्फ मल्लू ने उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाकर अपहरण कर लिया। काफी खोजबीन के बाद जब लड़की मिली, तो पुलिस ने मनराज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
मामले का ट्रायल और कोर्ट में पेश हुए तथ्य
मामले की सुनवाई स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत में चली। ट्रायल के दौरान एक मोड़ तब आया, जब पीड़िता ने कोर्ट में बयान दिया कि वह आरोपी के साथ अपनी मर्जी से गई थी और उसने खुद को आरोपी की पत्नी बताया। इस बयान को लेकर बचाव पक्ष ने दावा किया कि मनराज निर्दोष है।
अभियोजन पक्ष ने दी तगड़ी दलीलें
वहीं दूसरी तरफ, विशेष लोक अभियोजक रमेशचंद्र सिंह ने पीड़िता की उम्र को आधार बनाते हुए अदालत को बताया कि घटना के समय वह नाबालिग थी। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही पीड़िता ने आरोपी के पक्ष में बयान दिया हो, लेकिन नाबालिग के साथ किसी भी प्रकार का संबंध या उसका अपहरण कानूनन अपराध है। अभियोजन पक्ष ने अदालत से आरोपी को कड़ी सजा देने की अपील की।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी मनराज उर्फ मल्लू को भारतीय दंड संहिता की अपहरण संबंधी धाराओं के तहत दोषी ठहराया और उसे पांच साल की कठोर कैद और पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि पीड़िता भले ही आरोपी के साथ अपनी मर्जी से गई हो, लेकिन उसकी नाबालिग अवस्था इसे अपराध की श्रेणी में लाती है।

Author: Shivam Verma
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