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Sultanpur News: दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले में दोषियों को सुनाई गयी सजा

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Sultanpur, Uttar Pradesh: इंसाफ की राह लंबी होती है, लेकिन सच की जीत अवश्य होती है। दलित किशोरी को बहला-फुसलाकर भगाने और दुष्कर्म के जघन्य अपराध में स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया है। अदालत ने इस फैसले से पीड़िता और उसके परिवार को एक राहत की सांस लेने का मौका दिया है। कल यानी गुरुवार दोपहर 12 बजे अदालत दोषियों की सजा पर अंतिम फैसला सुनाएगी।

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स्पेशल जज नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने उदयराज और शब्बीर अहमद को दोषी ठहराते हुए माना कि उन्होंने मिलकर एक मासूम के जीवन को बर्बाद करने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि दोषी उदयराज पेशे से अधिवक्ता है, और उसका नाम इस मामले में सामने आना बेहद चौंकाने वाला है।

अपराध की शुरुआत
घटना के पीछे की कहानी दिल दहला देने वाली है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, आरोपी उदयराज ने पीड़िता और शब्बीर के बीच बातचीत करवाने का जरिया बना। 16 वर्षीय किशोरी को बहलाकर आरोपियों ने आधार कार्ड, अन्य दस्तावेज और 19 हजार रुपये नकद की मांग की, जिसे पीड़िता लेकर उदयराज के पास पहुंची।

आरोप है कि दस्तावेज और पैसा लेकर उदयराज ने शादी का झांसा दिया और उसे शब्बीर की बाइक पर बैठा दिया। इसके बाद सरैया बाजार-नहर के पास ले जाकर शब्बीर ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया।

खौफनाक मंजर और धमकी
घटना के बाद शब्बीर ने पीड़िता को पांडेय बाबा बाजार के पास छोड़ दिया और उसे धमकी दी कि अगर किसी से शिकायत की तो उसकी जान ले ली जाएगी। इस भयावह रात के बाद पीड़िता जब अपने घर पहुंची तो उसकी मां ने हिम्मत दिखाई और 13 जुलाई 2020 को मोतिगरपुर थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया।

कोर्ट की कार्यवाही
पुलिस ने अपनी तफ्तीश में केवल शब्बीर अहमद को मुख्य आरोपी माना और उसके खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की। वहीं, उदयराज को क्लीन चिट दे दी गई। लेकिन जब ट्रायल शुरू हुआ तो अभियोजन पक्ष के गवाहों ने साफ किया कि उदयराज की भूमिका भी इस अपराध में अहम थी।

अदालत ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों को गंभीरता से लिया और उदयराज को भी आरोपी के रूप में तलब किया। मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने दोनों को निर्दोष बताया, लेकिन विशेष लोक अभियोजक ने दोनों आरोपियों की संलिप्तता को प्रमाणित किया और कड़ी सजा की मांग की।

कोर्ट का फैसला
अदालत ने साक्ष्यों और गवाही को ध्यान में रखते हुए शब्बीर अहमद को भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 व पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत दोषी  पाया। वहीं, उदयराज को धारा 363, 366 व पॉक्सो एक्ट की धारा 16/17 के तहत दोषी  करार दिया गया। हालांकि, अदालत ने दोनों को एससी-एसटी एक्ट की धाराओं से मुक्त कर दिया।

अब सजा के ऐलान का इंतजार है। गुरुवार, 13 फरवरी को अदालत यह तय करेगी कि इन दोषियों को कितनी सख्त सजा दी जाएगी। पीड़िता और उसका परिवार इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठा है, जबकि समाज की नजरें इस फैसले पर टिकी हुई हैं।

रिपोर्ट: अंकुश यादव

Shivam Verma
Author: Shivam Verma

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