Sultanpur News: जिले में अधिवक्ता आजाद अहमद की हत्या के बाद पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी सिराज और उसके गैंग के अन्य सदस्यों पर अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे अधिवक्ताओं और आम जनता में भी गुस्सा बढ़ता जा रहा है। नए पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व से न्याय की उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
पुलिस की लापरवाही उजागर
हत्या के बाद से ही फरार सिराज को पकड़ने के लिए पुलिस कोई ठोस कदम उठाती नहीं दिख रही। कोतवाली देहात थानाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सिंह की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई है। अधिवक्ता समाज और मृतक के परिजनों का आरोप है कि सिराज को अप्रत्यक्ष रूप से पुलिस का संरक्षण मिल रहा है, जिससे वह बेखौफ होकर गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
वायरल धमकी भरी पोस्ट जारी
सिराज के खिलाफ पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं को भी जान से मारने की धमकी दी जा रही है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक पोस्ट में कहा गया कि जो सिराज के खिलाफ पैरवी करेगा, उसका भी वही हश्र होगा जो आजाद अहमद का हुआ था। यह पोस्ट ‘313’ नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में ‘शहदाब अंसारी 313’ नाम के व्यक्ति द्वारा मोबाइल नंबर 7383761033 से की गई थी।
क्या सिराज को संरक्षण मिल रहा है?
हत्या के करीब ढाई-तीन महीने बाद सिराज के साथ एक वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें उसे अंडरवर्ल्ड से जोड़ने वाले गाने के साथ दिखाया गया। सवाल यह उठता है कि पुलिस की नजरों से बचकर सिराज आखिरकार इतने बेखौफ तरीके से गतिविधियां कैसे अंजाम दे रहा है? क्या प्रशासन में कोई उसका समर्थन कर रहा है? पुलिस की निष्क्रियता पर जनता और अधिवक्ताओं का रोष बढ़ता जा रहा है।
इस मामले को लेकर जिले के अधिवक्ताओं ने कड़ा रुख अपनाया है। अधिवक्ता प्रतिनिधिमंडल, जिला अधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) से मिलकर निष्पक्ष जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर सकता है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार सख्त मानी जाती है। ऐसे में यदि पुलिस प्रशासन तेजी से कार्रवाई नहीं करता, तो सरकार खुद इस मामले में हस्तक्षेप कर सकती है।
हत्या कांड की वर्तमान स्थिति
6 अगस्त 2023 को भुलकी चौराहे के पास अधिवक्ता आजाद अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी सिराज अब भी फरार है, जबकि तीन अन्य आरोपियों की विवेचना चल रही है। 20 फरवरी को जिला एवं सत्र न्यायालय में इस मामले की पेशी बताई जा रही है। वर्तमान बार अध्यक्ष रणजीत सिंह त्रिसुंडी, शेख नजर अहमद और डीजीसी क्रिमिनल राम अचल मिश्र अभियोजन पक्ष की पैरवी कर रहे हैं।
क्या सिराज की गिरफ्तारी संभव?
योगी सरकार में पुलिस की सक्रियता को देखते हुए सिराज जैसे अपराधियों का खुलेआम घूमना असंभव माना जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर किसके प्रभाव में पुलिस ने सिराज की गिरफ्तारी को लेकर कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई? क्या सिराज का नाम अपराध की दुनिया में उभराने की कोई साजिश हो रही है?
जिले में नए पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह की तैनाती के बाद आम जनता और अधिवक्ताओं को न्याय की उम्मीद है। क्या प्रशासन अब तेजी दिखाएगा या फिर मामला इसी तरह चलता रहेगा? यह आने वाला समय ही बताएगा।
रिपोर्ट: अंकुश यादव

Author: Shivam Verma
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