Chandauli News: न्याय की उम्मीद लेकर थाने पहुंचे पीड़ितों को जब इंसाफ नहीं मिला, बल्कि धमकियां मिलने लगीं, तो हालात और बिगड़ गए। मामला चंदौली जनपद के सदर थाना क्षेत्र का है, जहां एक दलित नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में न्याय दिलाने गए ग्राम प्रधानों को ही थानाध्यक्ष द्वारा जेल भेजने की धमकी दी गई। इसके बाद सभी ग्राम प्रधानों ने थाना परिसर में ही धरना शुरू कर दिया, जिससे मामला तूल पकड़ लिया।
क्या है पूरा मामला?
गांव की एक नाबालिग लड़की के साथ पहले भी दुष्कर्म का प्रयास किया गया था, लेकिन उस समय गांव के लोगों ने मामला शांत करा दिया। लेकिन महीने की 11 तारीख को वही युवक फिर से हैवानियत पर उतर आया और मौका पाकर नाबालिग के साथ दुष्कर्म को अंजाम दे दिया। रोती-बिलखती लड़की ने जब अपनी आपबीती परिजनों को सुनाई, तो वे उसे लेकर थाने पहुंचे। लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बजाय मामले को टालने की कोशिश की।
प्रधानों का हस्तक्षेप
जब पीड़िता के परिजनों को न्याय नहीं मिला, तो उन्होंने ग्राम प्रधान से मदद मांगी। गुरुवार को ग्राम प्रधानों का एक समूह पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सदर थाने पहुंचा, लेकिन वहां उनकी सुनवाई के बजाय उन्हें ही धमकियां मिलने लगीं। थानाध्यक्ष ने ग्राम प्रधानों को चेतावनी दी कि यदि वे ज्यादा हस्तक्षेप करेंगे, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। यह सुनते ही प्रधान गुस्से में आ गए और सकलडीहा ब्लॉक के ग्राम प्रधान संघ अध्यक्ष जेपी चौहान के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए।
धरने पर प्रधानों की मांग
ग्राम प्रधानों का कहना था कि जब एक दलित नाबालिग लड़की के परिजन 11 तारीख से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, तब भी थानाध्यक्ष ने उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। उल्टा, जो लोग पीड़िता के पक्ष में आए, उन्हें ही धमकाया जाने लगा। प्रधानों का कहना था कि ऐसे पुलिसकर्मियों की वजह से ही पूरे पुलिस विभाग की छवि खराब होती है और पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल पाता है।
धरने पर बैठे लोगों को समझाने के लिए पुलिस प्रशासन जुट गया, लेकिन प्रधानों की मांग थी कि जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिलेगा और तानाशाही रवैया अपनाने वाले थानाध्यक्ष पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वे नहीं हटेंगे। समाचार लिखे जाने तक सकलडीहा ब्लॉक के कई अन्य प्रधान भी धरने में शामिल हो चुके थे, जिससे मामला और गंभीर हो गया।

Author: Shivam Verma
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