UP News : उत्तर प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराध को रोकने और जांच प्रक्रिया को तेज़ व प्रभावी बनाने के लिए यूपी पुलिस ने एक नई रणनीति अपनाई है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने साइबर अपराधों की रोकथाम और विवेचना के लिए नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी की है। इस SOP में गंभीर और उच्च-राशि से जुड़े मामलों की जांच के लिए विशेष प्रशिक्षित टीमों की तैनाती का प्रावधान किया गया है।
50 लाख से अधिक की धोखाधड़ी पर विशेष जांच टीम करेगी काम
DGP राजीव कृष्ण के निर्देशानुसार, अब ₹50 लाख या उससे अधिक की साइबर धोखाधड़ी की जांच विशेष प्रशिक्षण प्राप्त अधिकारियों की टीम द्वारा की जाएगी। यह टीम साइबर अपराधों की तकनीकी जटिलताओं को समझने और सुलझाने में सक्षम होगी। वहीं, क्रिप्टो करेंसी और ई-मेल हैकिंग जैसे मामलों में जोन स्तर पर नियुक्त साइबर कमांडो सहयोग करेंगे।DGP ने स्पष्ट किया कि इन कदमों का उद्देश्य जटिल और संगठित साइबर अपराधों की तेज़ और प्रभावी जांच सुनिश्चित करना है।
छोटे साइबर अपराधों को भी लिया जाएगा गंभीरता से
DGP ने यह भी निर्देश दिए हैं कि छोटी राशि से जुड़े साइबर अपराधों को भी नजरअंदाज न किया जाए। उन्होंने कहा कि कम राशि की धोखाधड़ी के पीछे भी किसी बड़े साइबर गैंग का नेटवर्क हो सकता है, इसलिए हर शिकायत पर संजीदगी से कार्रवाई जरूरी है।यदि किसी व्यक्ति से गलती से UPI या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए राशि गलत खाते में चली जाती है, तो पुलिस खाताधारक से संपर्क कर राशि वापस कराने का प्रयास करेगी। अगर संबंधित व्यक्ति पैसे लौटाने से इनकार करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया और फर्जी वेबसाइटों पर भी कड़ी निगरानी
नई SOP के अनुसार, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री, खासकर महिला और बच्चों के खिलाफ पोस्ट, पर तुरंत जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, फर्जी वेबसाइट, विज्ञापन और संदिग्ध लिंक से जुड़ी शिकायतों को भी साइबर क्राइम मुख्यालय को भेजा जाएगा।देश की अखंडता और कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट के मामले में, विशेष सचिव गृह को ईमेल कर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
अंतर-जिला सहयोग से होगी संगठित जांच
यदि किसी साइबर अपराध की जांच में किसी अन्य जिले का बैंक खाता, नेटवर्क या लिंक सामने आता है, तो संबंधित जिले की पुलिस को भी जांच में शामिल किया जाएगा। इससे जांच संगठित और समन्वित तरीके से हो सकेगी, और अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी संभव होगी।
निष्कर्ष: साइबर सुरक्षा की दिशा में यूपी पुलिस का ठोस कदम
उत्तर प्रदेश पुलिस की यह नई SOP राज्य में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एक प्रगतिशील और ठोस कदम है। विशेष प्रशिक्षित टीमों, साइबर कमांडोज़ और अंतर-जिला सहयोग जैसे उपाय साइबर अपराध की गंभीरता को समझते हुए की गई पहल को दर्शाते हैं।
