World Kidney Day 2025: गुर्दे हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं, जो रक्त को शुद्ध करने, शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने और रक्तचाप को नियंत्रित करने का कार्य करते हैं। लेकिन आज की जीवनशैली, खानपान की गलत आदतें और बढ़ती बीमारियों के कारण गुर्दा रोग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
विश्व गुर्दा दिवस हर वर्ष 13 मार्च को सेलिब्रेट किया जाता है। इस अवसर पर, किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ के नेफ्रोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दुर्गेश पुष्कर ने जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
गुर्दा रोग: एक गंभीर समस्या
आज दुनियाभर में करीब 85 करोड़ लोग किसी न किसी प्रकार के गुर्दा रोग से ग्रस्त हैं। इसका मतलब है कि हर 10 में से 1 व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में है। विशेष रूप से, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के बढ़ते मामलों के साथ यह समस्या और भी गंभीर होती जा रही है।
गुर्दा रोग एक धीमी गति से विकसित होने वाली बीमारी है, जो समय के साथ और गंभीर हो सकती है। हालांकि, अगर इसका जल्दी पता चल जाए, तो उचित इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है और गुर्दों को बचाया जा सकता है।
विश्व गुर्दा दिवस 2025 की थीम: “जल्दी पहचानें, गुर्दों को बचाएँ”
गुर्दा रोग की शुरुआती पहचान के लिए साधारण ब्लड टेस्ट (KFT) और यूरिन जांच पर्याप्त होती है। अगर समय पर इन परीक्षणों को कराया जाए, तो इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
गुर्दा रोग के प्रारंभिक संकेत
अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- पेशाब में झाग आना – यह प्रोटीन लीकेज का संकेत हो सकता है।
- रात में बार-बार पेशाब आना – यह गुर्दे की कार्यक्षमता में कमी का संकेत हो सकता है।
- शरीर में सूजन – खासकर पैरों, टखनों और आंखों के आसपास।
- थकान और कमजोरी – रक्त में विषाक्त पदार्थों की वृद्धि के कारण।
- भूख न लगना और मितली आना – यह गुर्दा खराबी का लक्षण हो सकता है।
कैसे करें अपने गुर्दों की सुरक्षा?
गुर्दों को स्वस्थ रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
✔ नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराएं
✔ ब्लड प्रेशर और शुगर को नियंत्रित रखें
✔ ज्यादा नमक और प्रोसेस्ड फूड से बचें
✔ पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
✔ धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं
✔ नियमित व्यायाम करें
✔ स्वस्थ और संतुलित आहार लें
डॉ. दुर्गेश पुष्कर का संदेश है – “अगर आपको कोई भी संदेह हो, तो तुरंत जांच कराएं। जल्दी टेस्टिंग से हम गुर्दों को बचा सकते हैं और गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं।” इस विश्व गुर्दा दिवस पर, हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि हम खुद भी जागरूक बनेंगे और अपने परिवार एवं समाज को भी इस गंभीर बीमारी के प्रति सतर्क करेंगे।
जागरूक बनें, स्वस्थ रहें!

Author: Shivam Verma
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