Bareilly News: बरेली के मीरगंज कस्बे में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसने एक बार फिर इलाके की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। ठिरिया खुर्द गांव की रहने वाली 20 वर्षीय नसीम की एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के कारण मौत हो गई। बाजार में खरीदारी करने आई नसीम की तबीयत बिगड़ने पर उसे पास के एक निजी क्लीनिक ले जाया गया, जहां बिना किसी जांच के उसे आधी बोतल ग्लूकोज चढ़ा दी गई। इसके बाद उसकी हालत और बिगड़ गई और आखिरकार उसने दम तोड़ दिया।
बिना जांच के हुआ इलाज
जानकारी के मुताबिक, नसीम अपनी सहेली के साथ मीरगंज के साप्ताहिक बाजार में खरीदारी कर रही थी। इसी दौरान उसे चक्कर आने लगे और उसकी हालत बिगड़ गई। उसकी सहेली उसे पास ही के एक कथित निजी क्लीनिक ले गई, जहां एक झोलाछाप डॉक्टर ने बिना कोई चिकित्सीय परीक्षण किए ग्लूकोज लगा दिया। लेकिन नसीम की तबीयत में कोई सुधार नहीं आया, उल्टा उसकी स्थिति और गंभीर हो गई।
जब नसीम की हालत और बिगड़ी तो उसकी सहेली ने परिजनों को फोन करके सूचना दी। परिजन आनन-फानन में पहुंचे और उसे मीरगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कार्रवाई की कोई पहल नहीं
घटना के बाद नसीम के परिजन गहरे सदमे में हैं। उन्होंने किसी तरह की कानूनी कार्रवाई किए बिना शव को घर ले जाना बेहतर समझा। पुलिस को भी इस मामले की सूचना देरी से मिल सकी, जिससे जांच में जटिलताएं आने की आशंका है। इस घटना ने मीरगंज इलाके में काम कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हर गली में हैं ऐसी ‘क्लिनिक’
स्थानीय निवासियों का कहना है कि मीरगंज कस्बे और आसपास के गांवों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। हर गली-मोहल्ले में बिना किसी योग्यता और लाइसेंस के लोग क्लीनिक चला रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग को इस बात की जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।
– बरेली मीरगंज संवाददाता लादेन मंसूरी की रिपोर्ट

Author: Shivam Verma
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