Lucknow News: राजधानी लखनऊ की सड़कों पर इन दिनों एक बार फिर राजनीतिक पोस्टरों की भरमार देखने को मिल रही है। इस बार निशाने पर हैं समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव। भाजपा युवा मोर्चा के एक पदाधिकारी की अगुवाई में लगाए गए पोस्टरों में अखिलेश यादव को ‘ब्राह्मण विरोधी’ बताया गया है। यह विवाद समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल द्वारा उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को लेकर की गई एक सोशल मीडिया टिप्पणी के बाद और तेज हो गया।
मंगलवार को लखनऊ के प्रमुख चौराहों—जैसे 1090 चौराहा और डिप्टी सीएम के आवास के पास—पर लगाए गए इन पोस्टरों में सपा अध्यक्ष को सीधे तौर पर निशाना बनाया गया है। पोस्टर में अखिलेश यादव की तस्वीर के साथ लिखा गया है: “अखिलेश यादव को भगाना है, ब्राह्मणों का सम्मान बचाना है।” साथ ही पोस्टर में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की तस्वीर भी छपी है और लिखा गया है: “ब्राह्मण बृजेश पाठक जी के सम्मान में, युवा मोर्चा मैदान में।”
इस पोस्टर वॉर की शुरुआत बीते शनिवार को हुई, जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज चौराहे पर अखिलेश यादव का पुतला दहन किया। उस समय भी भाजपा की ओर से आरोप लगाए गए थे कि समाजवादी पार्टी की विचारधारा ब्राह्मणों के खिलाफ है। उसके बाद मंगलवार को भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री अमित त्रिपाठी ने पोस्टर लगवाकर विरोध को नए आयाम पर पहुंचाया।
पोस्टर में एक तीखी चेतावनी भी दी गई है: “बहुत हो चुकी मक्कारी, बहुत हो चुका ब्राह्मण विरोधी खेल… समझा दो अपने ब्राह्मण विरोधी एजेंटों को वरना खुल जाएगा पूरा जातिवाद का खेल।” इस संदेश के जरिए न सिर्फ समाजवादी मीडिया सेल की आलोचना की गई है, बल्कि पार्टी अध्यक्ष को सीधे तौर पर इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। भाजपा कार्यकर्ताओं के अनुसार, यह केवल विरोध नहीं बल्कि ब्राह्मण समुदाय के सम्मान की रक्षा का सवाल है। वहीं, अब तक समाजवादी पार्टी की ओर से इस विवाद या लगाए गए आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

Author: Shivam Verma
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