Lucknow News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक प्रेसवार्ता के दौरान हाल ही में कथावाचक के साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने इस घटना को वर्चस्व की राजनीति का उदाहरण बताते हुए कहा कि समाज में कुछ ताकतें लोगों को दबाने का प्रयास कर रही हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर सीधे निशाना साधा और कहा कि “भागवत कथा सबके लिए होती है। जब इसे हर कोई सुन सकता है, तो हर किसी को इसे कहने का भी हक होना चाहिए।” उन्होंने यह बयान उस घटना के संदर्भ में दिया जिसमें एक कथावाचक के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई थी।
‘श्रीकृष्ण के सच्चे भक्तों का अपमान’
अखिलेश यादव ने कहा कि भागवत कथा भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी हुई है और अगर किसी व्यक्ति को “सच्चा कृष्ण भक्त” न मानते हुए उसे कथा कहने से रोका जाएगा, तो यह सीधा अपमान होगा, जिसे समाज सहन नहीं करेगा।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या यह लोकतंत्र की भावना के अनुकूल है कि कुछ लोग यह तय करें कि कौन कथा कहेगा और कौन नहीं।
पीडीए समाज को बनाया जा रहा निशाना
अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार पीडीएफ यानी पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्गों के लोगों को डराने और दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “अगर बीजेपी के लोग नई और उचित बात नहीं करेंगे, तो जनता को सच्चाई कभी समझ में नहीं आएगी।”
सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि भाजपा सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए समाज में हो रही गलत घटनाओं का इस्तेमाल कर रही है।
‘कथा वाचन अब व्यवसाय बन गया है’
इस दौरान अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग कथा वाचन को व्यवसाय बना चुके हैं और इसे अपने प्रभाव का साधन मान बैठे हैं। उन्होंने कहा कि वर्चस्व की मानसिकता से ग्रसित लोग यह नहीं चाहते कि कोई नया या अलग व्यक्ति भागवत कथा कहे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “आज कुछ लोग कथा वाचन को केवल कमाई और पहचान का जरिया बना चुके हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”

Author: Shivam Verma
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