Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गाजियाबाद में तैनात कांस्टेबल ओमपाल सिंह को बलात्कार के एक गंभीर मामले में दोषी ठहराते हुए 10 साल के कारावास और ₹25,000 के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट-2) वरुण मोहित निगम ने सुनाया है।
छह वर्षों से कर रहा था भाभी का दैहिक शोषण
मामला जून 2022 का है, जब थाना गुलावटी में पीड़िता ने अपने देवर ओमपाल सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 323 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता का आरोप था कि आरोपी पिछले छह वर्षों से उसका दैहिक शोषण कर रहा था। एक घटना में, आरोपी ने उसे जबरन कमरे में बंद कर हाथ लाक कर दुष्कर्म किया। जब पीड़िता ने इस घटना की शिकायत अपने पति और सास से की, तो उल्टा उसी पर लांछन लगाया गया।
पुलिस की जांच
इस मामले में पुलिस ने जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। अपराध को गंभीर मानते हुए इसे ऑपरेशन कनविक्शन के तहत चिह्नित किया गया। सरकारी अधिवक्ता एडीजीसी विजय शर्मा और ईशान चौधरी ने न्यायालय में गवाहों और साक्ष्यों को प्रस्तुत किया। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलों को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने कांस्टेबल ओमपाल सिंह को दोषी ठहराया।
न्यायालय का फैसला
न्यायालय ने प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर ओमपाल सिंह को दोषी करार दिया और उसे 10 वर्ष की कैद और ₹25,000 के आर्थिक दंड की सजा सुनाई। महिलाओं के प्रति इस प्रकार के कुकृत्य और दुराचार को लेकर कौर्ट का फैसला दिखाता है अपराधी कोई भी हो, प्रशासन उसे सजा अवश्य ही दिलाएगा।

Author: Shivam Verma
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