Etah News: एटा जिले की जलेसर तहसील के अंतर्गत मोहनपुर गांव में उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह की प्रतिमा खंडित मिली। इस घटना ने दो समुदायों के बीच टकराव की स्थिति को जन्म दे दिया है।
मामला तब और अधिक गंभीर हो गया जब दलित समाज ने आरोप लगाया कि मूर्ति टूटने की घटना के बाद उनके समुदाय को निशाना बनाया गया। दलित समाज की एक महिला पिंकी ने आरोप लगाया कि लोधी समाज के लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में उनके घरों में जबरन घुसकर मारपीट की। उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा गया।
झांकी के दौरान हुआ विवाद
घटना की शुरुआत एक धार्मिक झांकी के दौरान हुई, जब दो युवक बाइक पर सवार होकर आए और दलित लड़कियों से अभद्रता की। इस पर विरोध हुआ तो अगले ही दिन चार गांव के प्रधान मिलकर मोहनपुर पहुंचे और वहां दलितों के घरों पर पथराव हुआ। दलित समाज का कहना है कि यह हमला एक सोची-समझी साजिश के तहत हुआ।
डीएम कार्यालय में लगाई गुहार
पीड़ितों का आरोप है कि उन्होंने स्थानीय पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर वे जिले के कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपर जिलाधिकारी सत्यप्रकाश से न्याय की मांग की। लेकिन, वहां भी स्थिति अनुकूल नहीं रही। एडीएम ने मौके पर मौजूद भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र भास्कर को “नेतागीरी न करने” की नसीहत देते हुए कार्यालय छोड़ने को कह दिया। इससे दलित समाज के लोग और अधिक नाराज हो गए।
बाद में एडीएम ने जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। भीम आर्मी जिलाध्यक्ष जितेन्द्र भास्कर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लोधी समाज के लोगों ने झूठा आरोप लगाकर दलित समाज के लोगों को निशाना बनाया और महिलाओं, बच्चों तक को नहीं छोड़ा।
प्रशासन की सफाई
वहीं, इस पूरे मामले में प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार राघव ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस की मौजूदगी में किसी भी प्रकार की मारपीट नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि कानून के अनुसार सभी जरूरी कार्रवाई की जा रही है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गांव में पीएसी तैनात कर दी गई है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। साथ ही, कल्याण सिंह की नई प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी भी प्रशासन द्वारा की जा रही है, जिससे गांव में माहौल दोबारा सामान्य हो सके।

Author: Shivam Verma
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