Hapur News: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में साइबर ठगों ने एक बार फिर ऑनलाइन ठगी का नया जाल बिछा दिया। कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला गांधी विहार निवासी जितेंद्र गिरि नामक व्यक्ति से टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से 13.97 लाख रुपये की ठगी की गई। आरोपी “ई-कॉमर्स इनवेस्टमेंट” के नाम पर बड़े मुनाफे का लालच देकर रकम ऐंठ ले गए। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
छोटे मुनाफे का लालच देकर फंसाया
21 सितंबर 2025 को जितेंद्र को टेलीग्राम ग्रुप ‘WU-Commerce-5083’ में जोड़ा गया। वहां खुद को “ई-कॉमर्स एक्सपर्ट” बताने वाले ठगों ने दावा किया कि उनकी कंपनी “दुनियाभर के प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन प्रमोट” करती है और इससे निवेशकों को दो से तीन गुना तक मुनाफा मिलता है।
ठगों ने जितेंद्र का अकाउंट wucommunity.com नामक एक फर्जी वेबसाइट पर बनवाया और शुरुआत में 10,000 रुपये के “डेमो इन्वेस्टमेंट” पर 850 रुपये का नकली प्रॉफिट दिखाया। इससे पीड़ित को विश्वास हो गया और उसने धीरे-धीरे 13,97,088 रुपये तक निवेश कर दिए।
ठगी का पता चलने पर पहुंचा थाने
जितेंद्र ने जब अपने पैसे निकालने की कोशिश की, तो वेबसाइट और टेलीग्राम ग्रुप दोनों ही बंद मिले। अकाउंट का बैलेंस गायब था और ठगों से कोई संपर्क नहीं हो सका। ठगा हुआ महसूस करने पर पीड़ित ने तुरंत कोतवाली हापुड़ नगर में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र बिष्ट ने बताया कि, “पीड़ित की तहरीर के आधार पर धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साइबर सेल की मदद से जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा।”
बढ़ रहे टेलीग्राम स्कैम
साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह मामला “टास्क स्कैम” और “इनवेस्टमेंट फ्रॉड” का हिस्सा है। इन स्कीमों में पहले छोटे मुनाफे का लालच देकर भरोसा जीता जाता है और बाद में निवेशक से बड़ी रकम ठग ली जाती है। यह पूरी प्रक्रिया “पोंजी स्कीम” के तर्ज पर काम करती है, जिसमें नए निवेशकों के पैसे से पुराने लोगों को नकली रिटर्न दिखाया जाता है।
पुलिस और साइबर विशेषज्ञों की चेतावनी
- किसी भी अनजान टेलीग्राम या व्हाट्सऐप ग्रुप में शामिल न हों।
- “गारंटीड रिटर्न” या “नो रिस्क इनवेस्टमेंट” जैसे झांसे से बचें।
- निवेश से पहले वेबसाइट या ऐप को Google पर सर्च करें और रिव्यू पढ़ें।
- ठगी होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
Author: Shivam Verma
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