Kanpur News: कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) के जोन-4 में अवैध निर्माणों का ऐसा जाल फैला है कि अवैध कब्जेदारों और भूमाफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। जबकि प्रदेशभर में अवैध निर्माणों पर योगी सरकार का बुलडोजर सख्ती से कार्रवाई कर रहा है, वहीं जोन-4 के जिम्मेदार अभियंताओं की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। आरोप हैं कि प्रवर्तन विभाग के कुछ अधिकारी अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की जगह शमन पत्र और नोटिस जारी कर औपचारिकता निभा रहे हैं।
श्याम नगर से किदवई नगर तक अवैध निर्माण
जोन-4 के श्याम नगर बी, सी, डी और ई ब्लॉक समेत किदवई नगर के वाई, के, बी, सी, एम और ओ ब्लॉक में अवैध निर्माण तेजी से बढ़ रहे हैं। यही नहीं, आनंदपुरी, बाकरगंज, यशोदा नगर और सतबरी तक अवैध निर्माणों का सिलसिला जारी है। आरोप है कि अवर अभियंता अमरनाथ इन निर्माणों को रोकने में लगातार विफल साबित हो रहे हैं।
जिन निर्माणों को सील किया जाना चाहिए, वहां केवल नोटिस देकर खानापूर्ति की जा रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह पूरी प्रक्रिया अवैध वसूली और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। अवर अभियंता अमरनाथ पर खुलेआम ‘कृपा’ बरसाने और निर्माणकर्ताओं से मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
करोड़ों का राजस्व डूब रहा
शक की उंगलियां इसलिए भी उठ रही हैं क्योंकि श्याम नगर, किदवई नगर, सुजातगंज, नौबस्ता और यशोदा नगर जैसे क्षेत्रों से यदि ईमानदारी से राजस्व वसूला जाए, तो केडीए के खाते में करोड़ों रुपये की आमद हो सकती है। लेकिन आरोप है कि जोन-4 के कुछ अधिकारी “खुद भी खाऊंगा और ऊपर भी खिलाऊंगा” की तर्ज पर काम करते हुए प्राधिकरण को राजस्व संकट की ओर धकेल रहे हैं।
यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि एक बार जब कोई क्षेत्रीय कर्मचारी किसी निर्माणकर्ता के साथ अवैध लेन-देन में जुड़ जाता है, तो इसके बाद उसके सामने किसी की सुनवाई नहीं होती। यही कारण है कि कई क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतें बिना रोक-टोक खड़ी होती जा रही हैं और मानक लगातार ध्वस्त हो रहे हैं।
भ्रष्टाचार के साए में डूबा जोन-4
जोन-4 में स्थिति इतनी विकट हो चुकी है कि लोग व्यंग्य में कहने लगे हैं- “केडीए जोन-4 की महिमा अपरंपार है, यहाँ हर नियम और मानक तार-तार है! भ्रष्टाचार का बिखरा मायाजाल है, तभी तो केडीए का राजस्व कंगाल है!”
Author: Shivam Verma
Description










