Lucknow News: उत्तर प्रदेश विधानसभा में 4 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में हुए कारोबार का जिक्र किया और एक नाविक की प्रेरणादायक कहानी साझा की। यह नाविक कोई और नहीं बल्कि प्रयागराज के नैनी इलाके के अरेल निवासी पिंटू मल्लाह हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से महाकुंभ के दौरान 30 करोड़ रुपये की कमाई की। उनकी यह उपलब्धि अब पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है।
संघर्ष की कहानी: मां-पत्नी के जेवर गिरवी रखकर की शुरुआत
पिंटू मल्लाह का परिवार करीब 100 सदस्यों का है। महाकुंभ के दौरान नावों की बढ़ती मांग को देखते हुए उन्होंने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन इतनी बड़ी संख्या में नावें तैयार करने के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत थी। इसके लिए उन्होंने अपनी मां और पत्नी के जेवर गिरवी रखकर धन जुटाया। यह एक बड़ा जोखिम था, लेकिन उनके आत्मविश्वास और परिवार की मेहनत ने इस जोखिम को एक बड़ी सफलता में बदल दिया।
130 नावों से 30 करोड़ की कमाई
पिंटू मल्लाह ने महाकुंभ के दौरान अपनी 130 नावों का संचालन किया। सरकार द्वारा निर्धारित किराए के अनुसार लोगों को नाव की सेवा प्रदान की गई। महज 45 दिनों में उन्होंने 30 करोड़ रुपये की शुद्ध बचत कर ली। यह न केवल उनकी व्यावसायिक कुशलता को दर्शाता है, बल्कि उनकी ईमानदारी और मेहनत का भी प्रमाण है।
ईमानदारी और कड़ी मेहनत का मिला इनाम
पिंटू मल्लाह का कहना है कि उन्होंने पूरी कमाई ईमानदारी से की है। किसी से मनमाना किराया नहीं लिया गया, बल्कि सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क के अनुसार ही नाव सेवा दी गई। उनके अनुसार, “हमने दिन-रात मेहनत की और इसका फल हमें मिला। यह सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि पूरे परिवार का सामूहिक प्रयास था।”
गंगा मैया और मोदी-योगी के आशीर्वाद से मिली सफलता
पिंटू की मां शुकलावती ने बताया कि जब उनके बेटे ने पत्नी सुमन के जेवर गिरवी रखे, तो वह बहुत घबरा गईं। जब और पैसे की जरूरत पड़ी, तो उसने मां से भी जेवर मांगे। परिवार को डर था कि अगर कारोबार नहीं चला तो वे सड़कों पर आ जाएंगे। लेकिन महाकुंभ में उनकी मेहनत रंग लाई। पिंटू की मां कहती हैं, “पहले हमारे पास सिर्फ चार नावें थीं, और आज हमारे पास 130 नावें हैं। गंगा मैया और मोदी-योगी के आशीर्वाद से हमें सब कुछ मिल गया।”
सीएम योगी ने की तारीफ, बनी मिसाल
सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा विधानसभा में पिंटू मल्लाह का जिक्र किए जाने से यह कहानी और भी प्रेरणादायक बन गई। पिंटू मल्लाह अब उन लाखों लोगों के लिए मिसाल बन गए हैं, जो अपने साहस और मेहनत से अपनी तकदीर खुद लिखने का हौसला रखते हैं। उनकी यह यात्रा संघर्ष, आत्मनिर्भरता और दृढ़ संकल्प की जीती-जागती मिसाल है।

Author: Shivam Verma
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