Sitapur Journalist’s Murder: सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की निर्मम हत्या के विरोध में पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया है। पत्रकार संगठनों ने एकजुट होकर हत्या के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी कड़ी में 9 फरवरी को श्री बालाजी पत्रकार एसोसिएशन के नेतृत्व में सैकड़ों पत्रकारों ने कैंडल मार्च निकालकर न्याय की गुहार लगाई।
यह कैंडल मार्च बिठौली तिराहे से शुरू होकर इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे तक निकाला गया, जिसमें प्रदेश के कई पत्रकार संगठनों के पदाधिकारी और पत्रकार शामिल हुए। इस दौरान पत्रकारों ने हत्या के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रशासन से जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार कर फांसी की सजा दिलाने की मांग की।
दिनदहाड़े हुई थी पत्रकार की हत्या
सीतापुर जिले में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की 6 फरवरी को दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। वह अमोली कस्बे से अपनी मोटरसाइकिल पर दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे की ओर जा रहे थे, तभी अज्ञात बदमाशों ने उन पर चार राउंड फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी। यह घटना पत्रकार समाज के साथ-साथ पूरे प्रदेश में चिंता का विषय बन गई है।
हत्या के बाद से ही पत्रकार संगठनों में जबरदस्त आक्रोश है और सभी एक स्वर में हत्यारों को कठोर सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। इसी विरोध के तहत लखनऊ में श्री बालाजी पत्रकार एसोसिएशन के बैनर तले कैंडल मार्च आयोजित किया गया।
पत्रकार संगठनों ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
कैंडल मार्च के समापन के बाद पत्रकारों ने एसीपी गाजीपुर को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हत्यारों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की गई।
इस विरोध प्रदर्शन में श्री बालाजी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरके मिश्रा, महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष गुड़िया निगम, लखनऊ मीडिया संगठन के संरक्षक अमित त्रिवेदी, मंडल अध्यक्ष व सूर्योदय भास्कर के प्रधान संपादक प्रशांत अवस्थी सहित सैकड़ों पत्रकारों ने भाग लिया।
पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल
पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या ने एक बार फिर पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में कार्य करने वाले पत्रकार जब स्वयं सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या होगा? प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अब तक अपराधियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? क्या सरकार पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है या फिर यह मामला भी अन्य अपराधों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?

Author: Shivam Verma
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