Bahraich News: नई रेल लाइन बिछाने के लिए मजदूर अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उनके सुरक्षा इंतजाम शायद किसी की प्राथमिकता में नहीं हैं। जरवल रोड थाना क्षेत्र में चल रहे रेलवे के काम के दौरान एक 18 वर्षीय मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा तब हुआ जब मिट्टी पटान के दौरान वह एक गड्ढे में गिर गया और अनजाने में उसके ऊपर जेसीबी से मिट्टी डाल दी गई।
घटना गोरखपुर-लखनऊ रेल प्रखंड के तहत हो रहे काम के दौरान हुई, जहां सैकड़ों मजदूर रोजाना की तरह काम कर रहे थे। 18 वर्षीय अंकुर, जो सीतापुर के कठोलिया गांव का रहने वाला था, मिट्टी पटान के दौरान अचानक गड्ढे में गिर गया। किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी और जेसीबी चालक ने वहां मिट्टी डालनी शुरू कर दी। कुछ देर बाद मजदूरों को शक हुआ, जब मिट्टी के ढेर के नीचे इंसानी अंग दिखाई देने लगे।
अफरातफरी मच गई। साथी मजदूरों ने जेसीबी को रुकवाया और मिट्टी हटाने में जुट गए। अंकुर को जब बाहर निकाला गया, तब तक उसकी हालत बेहद नाजुक हो चुकी थी। उसे आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुस्तफाबाद ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अंकुर की मौत की खबर मिलते ही पूरे इलाके में हाहाकार मच गया। लेकिन इस हादसे में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मजदूरों और ठेकेदारों ने पुलिस को सूचना देना भी जरूरी नहीं समझा। बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के, मृतक के शव को प्राइवेट एंबुलेंस से सीतापुर स्थित उसके घर भेज दिया गया।
जब पुलिस को इस घटना की भनक लगी और थाना अध्यक्ष ब्रजराज प्रसाद से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि अभी तक किसी ने भी पुलिस को सूचना नहीं दी है। अब रेलवे मेमो का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
यह हादसा सिर्फ अंकुर की मौत की कहानी नहीं है, बल्कि एक बड़ा सवाल खड़ा करता है – आखिर मजदूरों की सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार है? रेलवे प्रोजेक्ट जैसे बड़े निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों का पालन क्यों नहीं किया जाता? क्यों एक हादसे के बाद भी ठेकेदारों को मजदूरों की जान की कोई परवाह नहीं होती?
अंकुर का घर अब कभी उसकी वापसी की राह नहीं देखेगा। एक 18 साल का युवा, जो अपने परिवार के लिए रोटी कमाने निकला था, अब कभी लौटकर नहीं आएगा। लेकिन क्या उसकी मौत के बाद भी कुछ बदलेगा? या फिर एक और मजदूर किसी और दिन, किसी और जगह, इसी तरह मिट्टी में दफन हो जाएगा?

Author: Shivam Verma
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