Translate Your Language :

Breaking News
Mainpuri News: मैनपुरी में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़: एक घायल, दो गिरफ्तार, तीसरा फरार Bareilly News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पहुंचीं बरेली, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया भव्य स्वागत; सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम Kushinagar News: कुशीनगर में कृषि विभाग की सख्ती से उर्वरक व्यापारियों में नाराज़गी, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन Kanpur News: कानपुर में ‘सिंदूर कप’ क्रिकेट मैच में सेना-11 की जीत, पर मंच पर छाई नेता और अधिकारी की नोकझोंक Bhim Army Protest: चंद्रशेखर आज़ाद को रोके जाने पर भड़के कार्यकर्ता, करछना में घंटों तक मचा उत्पात Kaushambi News: महेवाघाट थाना क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहा अवैध बालू खनन, साइकिल और खच्चरों से ढोकर की जा रही बिक्री
Mainpuri News: मैनपुरी में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़: एक घायल, दो गिरफ्तार, तीसरा फरार Bareilly News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पहुंचीं बरेली, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया भव्य स्वागत; सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम Kushinagar News: कुशीनगर में कृषि विभाग की सख्ती से उर्वरक व्यापारियों में नाराज़गी, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन Kanpur News: कानपुर में ‘सिंदूर कप’ क्रिकेट मैच में सेना-11 की जीत, पर मंच पर छाई नेता और अधिकारी की नोकझोंक Bhim Army Protest: चंद्रशेखर आज़ाद को रोके जाने पर भड़के कार्यकर्ता, करछना में घंटों तक मचा उत्पात Kaushambi News: महेवाघाट थाना क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहा अवैध बालू खनन, साइकिल और खच्चरों से ढोकर की जा रही बिक्री
Home » उत्तर प्रदेश » चन्दौली » Chandauli News: प्राइवेट स्कूलों के आगे फीके पड़ते जा रहे नौगढ़ के सरकारी स्कूल, लोगों का भी कम हो रहा विश्वास

Chandauli News: प्राइवेट स्कूलों के आगे फीके पड़ते जा रहे नौगढ़ के सरकारी स्कूल, लोगों का भी कम हो रहा विश्वास

Naugarh's government schools are lagging behind private schools
Facebook
X
WhatsApp

Chandauli News: कभी बच्चों की खिलखिलाहट और शिक्षकों की आवाज़ों से गूंजते सरकारी स्कूल, आज वीरान होते जा रहे हैं। जिले के नौगढ़ क्षेत्र की स्थिति तो और भी चिंताजनक है। सरकारी योजनाओं की भरमार होने के बावजूद सरकारी विद्यालयों में बच्चों की संख्या लगातार गिर रही है, और दूसरी ओर निजी स्कूलों का आकर्षण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

सरकारी प्रयासों के बावजूद खाली होते स्कूल

सरकार ने बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं- मिड-डे मील, मुफ्त यूनीफॉर्म, किताबें, जूते-मोजे और प्रशिक्षित शिक्षक। लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है। स्कूलों में बेंच तो हैं, लेकिन उन पर बैठने वाले छात्र नहीं हैं। नामांकन के आंकड़े कागजों पर तो ठीक दिखते हैं, मगर कक्षाओं में सन्नाटा पसरा रहता है।

नौगढ़ जैसे वनवासी क्षेत्रों में भी अब निजी स्कूलों की भरमार हो गई है। ये स्कूल आधुनिक शिक्षा और अंग्रेज़ी माध्यम का झांसा देकर अभिभावकों को अपनी ओर खींच रहे हैं। भले ही इनकी फीस आम ग्रामीण की औकात से बाहर हो, लेकिन फिर भी माता-पिता अपने बच्चों का दाखिला इन स्कूलों में करवा रहे हैं। उन्हें लगता है कि महंगी फीस वाला स्कूल ही उनके बच्चे का भविष्य उज्जवल बना सकता है।

प्रशासनिक दौरे और चेतावनियां सब बेकार

हाल ही में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नौगढ़ के कुछ सरकारी विद्यालयों का निरीक्षण किया। जब उन्होंने देखा कि कक्षाओं में मुश्किल से एक-दो बच्चे मौजूद हैं, तो उन्होंने सख्ती दिखाई और शिक्षकों को आदेश दिए कि वे घर-घर जाकर बच्चों को स्कूल लाने का प्रयास करें। परंतु, इन आदेशों का प्रभाव अब तक दिख नहीं रहा। कुछ शिक्षक प्रयासरत हैं, मगर शायद नीयत और नतीजों के बीच कहीं कमी रह गई है।

यह सिर्फ शिक्षा की समस्या नहीं है, यह विश्वास का संकट है। जब खुद नेता, अधिकारी, और शिक्षक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, तो एक आम ग्रामीण सरकारी स्कूलों पर भरोसा कैसे करे? जब समाज के प्रभावशाली लोग ही सरकारी व्यवस्था से मुंह मोड़ लें, तो गरीबों के पास क्या विकल्प बचता है? ‘स्कूल चलो अभियान’ जैसे प्रयास तभी सार्थक होंगे जब शिक्षक सिर्फ उपस्थिति दर्ज कराने तक सीमित न रहकर बच्चों की पढ़ाई को अपना मिशन मानें।

Shivam Verma
Author: Shivam Verma

Description

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें