Gorakhpur News: गर्मियों की छुट्टियों में अगर आपने बच्चों को चिड़ियाघर घुमाने का प्लान बनाया था, तो ज़रा रुकिए। उत्तर प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों को 20 मई तक के लिए बंद कर दिया गया है। यह फैसला गोरखपुर चिड़ियाघर में एक बाघिन की बर्ड फ्लू (H5N1) से मौत के बाद लिया गया है। बाघिन की मौत की पुष्टि होते ही पूरे राज्य में वन्यजीव अभयारण्यों और चिड़ियाघरों को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है।
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) ने इस संदर्भ में औपचारिक आदेश जारी किया है। इसके अनुसार लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर के चिड़ियाघरों और इटावा सफारी पार्क सहित राज्य के सभी प्रमुख वन्यजीव स्थलों पर अलर्ट लागू कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम जानवरों और आम जनता दोनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए कड़े निर्देश
गोरखपुर ज़ू में बाघिन की मौत की खबर सामने आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से संज्ञान लिया। उन्होंने राज्य के सभी चिड़ियाघरों और सफारी पार्कों में जानवरों की भलाई और सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए। इसी के तहत CZA ने एक पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच टीम का गठन किया है। यह टीम बाघिन की मौत के कारणों की गहन जांच करेगी और आगामी 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। चाहे वह जानवरों की देखभाल के नए मानक हों या भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के उपाय — सभी निर्णय इसी रिपोर्ट के अनुसार होंगे।
स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल हुए सख्त
राज्य सरकार ने बर्ड फ्लू के खतरे को गंभीरता से लेते हुए सभी ज़ूलॉजिकल पार्कों में विशेष निगरानी व्यवस्था लागू कर दी है। साथ ही स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रोटोकॉल को कड़ा किया गया है। ज़ू स्टाफ को मास्क, दस्ताने और संक्रमण से बचाव के अन्य उपायों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। आगंतुकों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीमें अब निगरानी पर हैं। पक्षियों और जानवरों के स्वास्थ्य पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक बर्ड फ्लू से जुड़ा खतरा पूरी तरह टल नहीं जाता, तब तक ज़ू को फिर से खोलने पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।

Author: Shivam Verma
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