Chandauli News: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत चंदौली जनपद के नौगढ़ विकासखंड में पात्र लाभार्थियों को पक्का आशियाना दिलाने की दिशा में प्रशासन ने तेज़ी से कदम बढ़ा दिए हैं। योजना के अगले चरण में अब घर-घर जाकर लाभार्थियों की पात्रता की गहन जांच शुरू हो चुकी है। इसके लिए सहायक विकास अधिकारियों को “चेकर्स” की भूमिका दी गई है, जो हर गांव में जाकर वास्तविक स्थिति का मिलान करेंगे।
पारदर्शिता की पहली कसौटी: चेकर्स की टीम मैदान में
खंड विकास अधिकारी अमित कुमार ने जानकारी दी कि योजना की पारदर्शिता को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जा रही है। इस बार किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में सहायक विकास अधिकारी स्वयं पहुंचकर “आवास सर्वे ऐप” में दर्ज विवरण की जमीनी हकीकत से तुलना कर रहे हैं।
इन चेकर्स की मुख्य जिम्मेदारी है यह सुनिश्चित करना कि योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों को मिले जो वास्तव में इसके पात्र हैं। सत्यापन के दौरान अगर कोई व्यक्ति झूठी जानकारी के आधार पर शामिल पाया गया, तो उसे तुरंत अपात्र घोषित करते हुए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
11,884 परिवारों का सर्वे पूरा, अब बारी सच्चाई की
अब तक नौगढ़ ब्लॉक के 11,884 परिवारों का सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है। लेकिन असली परीक्षा अब शुरू हुई है—इन आंकड़ों की सच्चाई को जांचना। टीम हर उस परिवार तक पहुंच रही है, जिसका विवरण पहले दर्ज किया गया था। यदि किसी स्तर पर गड़बड़ी सामने आती है, तो ऐसे परिवार को लाभार्थी सूची से हटा दिया जाएगा।
2029 तक सभी पात्रों को मिलेगा पक्का घर
सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2029 तक सभी पात्र ग्रामीण परिवारों को पक्के मकान मिल जाएं। इस दिशा में चल रही सत्यापन प्रक्रिया एक निर्णायक कदम है। जांच पूरी होने के बाद लाभार्थियों की अंतिम सूची तैयार की जाएगी, जिसमें केवल पात्र व्यक्तियों को ही शामिल किया जाएगा। इसके बाद चरणबद्ध ढंग से मकानों का निर्माण व लाभ वितरण शुरू होगा।
केंद्र और राज्य सरकार की साझी पहल
प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र और राज्य सरकार की साझा योजना है, जिसका मकसद है ग्रामीण गरीबों को सुरक्षित, मजबूत और स्थायी आवास उपलब्ध कराना। यह योजना न केवल एक मकान देने की बात करती है, बल्कि हर जरूरतमंद को गरिमा और सुरक्षा भरी जिंदगी की ओर ले जाने की राह भी खोलती है।
भरोसे की नींव पर टिकी योजना
नौगढ़ में योजना को जिस तरह से पारदर्शिता और गंभीरता के साथ लागू किया जा रहा है, वह न केवल प्रशासनिक इच्छाशक्ति को दिखाता है, बल्कि ग्रामीण जनता में सरकार के प्रति विश्वास को भी मज़बूत करता है। सत्यापन प्रक्रिया की सख्ती इस बात की गारंटी है कि कोई भी अपात्र व्यक्ति सरकारी सहायता का लाभ नहीं उठा सकेगा और कोई भी पात्र व्यक्ति इससे वंचित नहीं रहेगा।

Author: Shivam Verma
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