Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाल ही में लोकार्पित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे इन दिनों रफ्तार के शौकीनों और सोशल मीडिया पर रील बनाने वाले युवाओं के लिए नया अड्डा बनता जा रहा है। 91.35 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ता है, और इसके शुरू होते ही वाहन चालकों की तेज रफ्तार के साथ-साथ सोशल मीडिया पर वायरल होने की होड़ भी शुरू हो गई है।
रविवार को एक्सप्रेसवे का नजारा कुछ अलग ही था। बाइकों, ऑटो, कारों और भारी मालवाहक वाहनों की दौड़ के बीच कई युवा एक्सप्रेसवे के प्रवेश द्वार पर बनी शेर की प्रतिमा के पास सेल्फी लेते नजर आए। वहीं, कुशीनगर और देवरिया से आए युवाओं की टोलियां एक्सप्रेसवे के स्टार्टिंग प्वाइंट पर रील बनाती दिखीं। ये नज़ारे ऐसे थे कि तेज़ रफ्तार में दौड़ते वाहनों को देख स्थानीय लोग सहम उठे।
रफ्तार का रोमांच या खतरे की घंटी?
गोरखपुर से लखनऊ की दूरी को सिर्फ दो घंटे में तय करने का दावा खुद सांसद रवि किशन ने किया था। उन्होंने सहजनवां विधायक प्रदीप शुक्ला का नाम लेकर बताया कि उन्होंने यह दूरी 150 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक की रफ्तार से पूरी की। इसके बाद उन्होंने जनता से अपील भी की कि वाहन की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा तक ही रखें।
लेकिन स्थिति यह है कि एक्सप्रेसवे पर 140 से 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ रही हैं। ऊपर से रील बनाने की होड़ में युवा बीच रास्ते में ही खड़े होकर शूटिंग करने लगते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।
सुरक्षा इंतज़ाम अधूरे
सबसे चिंता की बात यह है कि एक्सप्रेसवे पर अब तक न तो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और न ही टोल गेट पर कर्मचारी तैनात किए गए हैं। सरयां तिवारी गांव के पास बने टोल गेट पर कोई निगरानी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में अगर कोई तेज रफ्तार वाहन अचानक सामने आ जाए, तो बड़ा हादसा हो सकता है।
यूपीडा (UPEIDA) के अधिशासी अभियंता पी.पी. वर्मा ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा और सुविधा से जुड़े कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। टोल प्लाजा, सीसीटीवी कैमरे, पेट्रोल और सीएनजी पंप लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जैसे ही सीसीटीवी कैमरे लगेंगे, ओवरस्पीड पर ऑनलाइन चालान की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे पर रील बनाने वाले युवाओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
रफ्तार मापने और चालान की होगी ऑनलाइन व्यवस्था
अधिकारियों के अनुसार, कुछ दूरी पर ऐसे बोर्ड लगाए जाएंगे जिन पर वाहनों की रफ्तार प्रदर्शित होगी। साथ ही, यदि कोई वाहन एक टोल प्लाजा से दूसरे टोल तक तय समय से पहले पहुंचेगा तो ऑनलाइन चालान किया जाएगा। वर्तमान में एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति सीमा 120 किलोमीटर प्रतिघंटा निर्धारित की गई है, जो पहले 100 किलोमीटर प्रतिघंटा थी।

Author: Shivam Verma
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