भारतीय सेना ने गुलमर्ग जाते समय रास्ते में फंसे कई पर्यटकों को बचाया है। यह मिशन भारतीय सेना की चिनार कोर ने पूरा किया। चिनार कोर को सिविल प्रशासन से जानकारी मिली थी कि पर्यटक गुलमर्ग और तानमार्ग जा रहे थे, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण वे रास्ते में ही फंस गए थे। इस बचाव कार्य के दौरान कुल 68 लोगों को बचाया गया, जिनमें 30 महिलाएं, 30 पुरुष और 8 बच्चे शामिल थे। इसके बाद सभी 137 पर्यटकों को शेल्टर (राहत केन्द्रों) को भेजा गया।
चिनार वॉरियर्स ने इसके बारे मे अपने एक्स हैंडल पर यह जानकारी साझा की। इसमें बताया गया कि चिनार कोर को सिविल प्रशासन से कॉल आई थी, जिसके बाद यह बचाव कार्य शुरू हुआ। इसके अलावा, चिनार वॉरियर्स ने कुलगाम के मुनाद गांव से एक गर्भवती महिला को निकालने के लिए एक आपातकालीन कॉल का जवाब भी दिया। भारी बर्फबारी के बीच बचाव दल समय पर घटनास्थल पर पहुंचा और तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की। इसके बाद महिला को यारीपोरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
#ChinarWarriors to the Rescue.
Chinar Warriors responded to a distress call from civil administration to evacuate tourists stranded due to unprecedented heavy snowfall in tourist destination of Gulmarg and the subsequent closure of the road to Tanmarg. Providing assistance in… pic.twitter.com/cgy0bBylX0
— Chinar Corps🍁 – Indian Army (@ChinarcorpsIA) December 28, 2024
चिनार कोर का नाम यहाँ के चिनार वृक्ष के नाम पर रखा गया है और यह सेना का एक विशेष दल है जो जम्मू कश्मीर के पूर्वी और उत्तरी हिस्सों में सुरक्षा इंतजाम करता है। हाल ही में, चिनार कोर के जवानों ने भारी बर्फबारी के दौरान फंसे पर्यटकों की जान बचाई, जो उनके साहस और तत्परता का उदाहरण है। इस समय जम्मू कश्मीर में मौसम बहुत खराब है और बर्फबारी के कारण कई स्थानों पर यातायात में रुकावट आई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अनुसार, अनंतनाग जिले के काजीगुंड कस्बे में बर्फबारी के कारण करीब 2000 वाहन फंसे हुए हैं।
सीएम ने बताया कि उन्होंने अनंतनाग के डिप्टी कमिश्नर से बातचीत की है, जिन्होंने जानकारी दी कि भारी वाहनों को आगे बढ़ने की अनुमति दी जा रही है, जबकि बाकी फंसे हुए वाहनों को निकालने के प्रयास लगातार जारी हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बर्फबारी के कारण यातायात में अड़चनें आ रही हैं, लेकिन फंसे हुए वाहन दोनों दिशाओं में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं और जहां आवश्यकता पड़ी, वहां सहायता भी दी जा रही है।
इस कठिन परिस्थिति में, चिनार कोर और प्रशासन की लगातार कोशिशों से यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही स्थिति सामान्य होगी और फंसे हुए लोग सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुँच सकेंगे।