Ayodhya News: राम की पावन नगरी अयोध्या आज एक और ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रही है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में आज सुबह 11 बजे भगवान श्रीराम सहित राम दरबार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ कार्य संपन्न किया जाएगा। इस अवसर को और भी विशेष बना रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
दिलचस्प बात यह है कि आज ही मुख्यमंत्री योगी का जन्मदिन भी है, जिससे यह धार्मिक अवसर एक भावनात्मक उत्सव में बदल गया है। हजारों श्रद्धालु, संत, पुजारी और गणमान्य अतिथि इस कार्यक्रम के लिए अयोध्या में एकत्र हुए हैं।
समारोह की शुरुआत और वैदिक प्रक्रिया
राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थित भव्य राम दरबार में यह प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम सुबह 11 बजे आरंभ हुआ। वैदिक मंत्रोच्चारण और विशेष अनुष्ठानों के साथ 101 विद्वान आचार्य इस आयोजन को सम्पन्न करा रहे हैं।
गर्भगृह के चारों कोनों में बने सात छोटे मंदिरों में भी देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की जा रही है। यह समस्त प्रक्रिया ‘अभिजीत मुहूर्त’ में की जा रही है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार दिन का सबसे पवित्र और शुभ समय माना जाता है। यह समय 11:45 से 12:45 के बीच का रहेगा।
सीएम योगी का अयोध्या दौरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सुबह श्रीरामकथा पार्क के हेलीपैड पर पहुंचे। वहां से वे सीधे हनुमानगढ़ी मंदिर गए और दर्शन के बाद राम मंदिर परिसर पहुंचे।
राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा में भाग लेने के पश्चात वे मणिराम दास छावनी पहुंचेंगे, जहां वे महंत नृत्य गोपाल दास के जन्मोत्सव समारोह में भाग लेंगे। इसके बाद वे नगर निगम और वन विभाग द्वारा रामकथा पार्क में आयोजित कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे।
अयोध्या को मिली नई पहचान
बीते कुछ वर्षों में अयोध्या का कायाकल्प हुआ है। यहां के साधु-संतों का मानना है कि राम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक धार्मिक परियोजना नहीं बल्कि रामनगरी की खोई हुई प्रतिष्ठा की पुनर्प्राप्ति है।
मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में अयोध्या में अब तक 32,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाएं लागू की जा चुकी हैं। सड़क, रेल, एयरपोर्ट, सरयू घाट सौंदर्यीकरण, पर्यटन और आधुनिक मंदिर सुविधाओं जैसे कई प्रोजेक्ट अयोध्या को विश्वस्तर पर पहचान दिला रहे हैं।
संतों की प्रतिक्रिया
अयोध्या के प्रमुख संतों और महंतों ने योगी आदित्यनाथ की भूरी-भूरी प्रशंसा की है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने रामनगरी को न सिर्फ एक धार्मिक स्थल के रूप में पुनर्जीवित किया, बल्कि इसे भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित कर दिया है।
सरयू त्रयोदशी के अवसर पर शाम को नदी किनारे विशेष आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। प्रशासन ने पूरे आयोजन के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। देश-विदेश से आए श्रद्धालु इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनने के लिए अयोध्या पहुंचे हैं।

Author: Shivam Verma
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