Azamgarh News: निज़ामाबाद थाना क्षेत्र के कुजियारी गांव में अवैध असलहे लहराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने सख्त रुख अपनाते हुए एक उपनिरीक्षक समेत तीन पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबित कर्मियों में सब-इंस्पेक्टर सुधीर पांडेय, हेड कांस्टेबल राकेश तिवारी और सिपाही सौरभ पाल शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला?
मामला तब सामने आया जब कुछ दिनों पहले कुजियारी गांव में कुछ युवकों का अवैध असलहों के साथ वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में युवकों को खुलेआम असलहे लहराते देखा गया, जिससे कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए। एसपी हेमराज मीना ने तुरंत इस पर संज्ञान लिया और जांच का जिम्मा निज़ामाबाद थाना प्रभारी हीरेंद्र प्रताप सिंह को सौंपा।
जांच में पाया गया कि वायरल वीडियो में दिख रहे युवकों को पकड़ने के लिए कई थानों की पुलिस की मदद ली गई। आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया और उन्हें थाने लाकर संबंधित प्रभारी निरीक्षक को सौंपा गया।
इस मामले में नया मोड़ तब आया जब 24 दिन बाद पीड़ित पक्ष ने पुलिस अधीक्षक को एक प्रार्थना पत्र दिया। इसमें आरोप लगाया गया कि गिरफ्तार करने वाले पुलिसकर्मियों ने मोबाइल पर बातचीत के जरिए पैसों की मांग की और कुछ अन्य कीमती सामान भी जबरन ले लिया। पीड़ित की ओर से एक वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की गई।
जांच में आरोप सही पाए गए
प्राप्त साक्ष्यों की गहन जांच के बाद पुलिस अधीक्षक ने इसे प्रथम दृष्टया सत्य मानते हुए तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इस मामले की तकनीकी और मानव साक्ष्यों के आधार पर उच्चस्तरीय जांच जारी है। एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने बताया कि, “इन पुलिसकर्मियों ने एक युवक को अवैध तमंचे के साथ पकड़ कर थाने लाया और फिर उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद युवक से पैसे की मांग की गई।”
निलंबित पुलिसकर्मियों की सफाई
वहीं निलंबित पुलिसकर्मियों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद और एकतरफा बताया है। उनका कहना है कि, “जो भी साक्ष्य पेश किए गए हैं, वे झूठे हैं और तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए हैं। हमसे किसी तरह की पूछताछ नहीं की गई और सीधे निलंबन कर दिया गया।”
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात साफ है कि आज़मगढ़ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना किसी भी प्रकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार के प्रति बिल्कुल भी नरमी नहीं बरत रहे हैं। पुलिस विभाग में अनुशासन बनाए रखने और आम जनता में भरोसा कायम रखने के लिए यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

Author: Shivam Verma
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